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जयपुर: Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. राजस्थान के सियासी घमासान की सुनवाई हाइकोर्ट (Rajasthan High Court) में अब मंगलवार को भी होगी. दलीलों का दौर जारी है और दोनों पक्ष कोर्ट का फ़ैसले के इंतज़ार में है. ये देखना दिलचस्प होगा कि किस पक्ष को राहत मिलती है, किसकी मुश्किलें बढ़ती हैं और फ़ैसले के बाद राजनीतिक घटनाक्रम क्या होता है. इस बीच पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह (Vishwendra Singh) ने सोमवार को आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है. सिंह ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'जिस तरीके से राजस्थान की सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है वह किसी से छुपी हुई बात नहीं. परसों तक मैं उनका कैबिनेट मंत्री था और आज मुझ पर एसओजी, एसीबी के केस लगा दिए गए हैं.'
सिंह ने आगे कहा, 'इन केसों का क्या अर्थ निकलता है, हमने कोई बेईमानी नहीं की. बेबाकी से बोलने वाला आदमी हूं, बेबाकी से बोलता रहूंगा. हमने पार्टी के खिलाफ कोई काम नहीं किया, न ही कर रहे हैं. केवल नेतृत्व बदलने की मांग हुई थी जो अब भी वही है.'
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बता दें कि कांग्रेस ने विश्वेंद्र सिंह को अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया था. सिंह व गुड़ा मालानी से विधायक हेमाराम चौधरी का वीडियो पायलट के प्रवक्ता के व्हाटसऐप ग्रुप में शेयर किया गया. चौधरी ने अपने बयान में कहा है कि पायलट के बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान से उन्हें आघात लगा है.
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चौधरी के अनुसार गहलोत को अपने बौखलाहट भरे बयानों के लिए राजस्थान की जनता से माफी मांगनी चाहिए. वहीं भाजपा नेता व विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे पायलट व प्रतिपक्ष के नेताओं के लिए जिस प्रकार की अमर्यादित व असंसदीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वो मुख्यमंत्री के पद की गरिमा को गिराने वाला है.
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