प्रतीकात्मक तस्वीर
रायपुर:
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में शामिल होने की खबरों के बीच रायपुर जिला कलेक्टर ओ पी चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2005 बैच के अधिकारी ओ पी चौधरी ने अपना इस्तीफा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंपा है. बहरहाल, चौधरी इस पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.
मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, अधिकारी के भाजपा में शामिल होने की संभावना है. भाजपा ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. पार्टी ने कहा है कि अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है. छत्तीसगढ़ में इस साल अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. चौधरी को राज्य के नक्सल प्रभावित जिले दांतेवाड़ा में शिक्षा-व्यवस्था में बदलाव करने का श्रेय दिया जाता है. ऐसी खबरें हैं कि वह भाजपा में शामिल होकर आने वाले विधानसभा चुनाव में खरसिया से चुनाव लड़ सकते हैं। यह सीट रायगढ़ जिले में कांग्रेस का गढ़ है. वहीं चौधरी का पैतृक नगर है.
राज्य में पूर्व कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल के बेटे खरसिया से कांग्रेस के विधायक हैं. नंद कुमार पटेल की मौत 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले झीरम घाटी में नक्सल हमले में हो गई थी. चौधरी का ताल्लुक पटेल के अघरिया समुदाय से है. यह रायगढ़ का प्रभावशाली ओबीसी समुदाय है और अगर चौधरी को यहां से टिकट दिया जाता है तो चौधरी कांग्रेस के पारंपरिक वोट में संध लगा सकते हैं.
भाजपा सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी विधानसभा सीट के लिए योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं. राज्य भाजपा के महासचिव संतोष पांडे ने बताया, ''अभी तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से चौधरी के भाजपा में शामिल होने की पुष्टि नहीं की गई है और अगर ऐसा कुछ है तो शीघ्र ही स्पष्ट हो जाएगा.'' उन्होंने कहा कि अगर आईएएस और आईपीएस पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो यह एक अच्छी बात है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, अधिकारी के भाजपा में शामिल होने की संभावना है. भाजपा ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. पार्टी ने कहा है कि अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है. छत्तीसगढ़ में इस साल अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. चौधरी को राज्य के नक्सल प्रभावित जिले दांतेवाड़ा में शिक्षा-व्यवस्था में बदलाव करने का श्रेय दिया जाता है. ऐसी खबरें हैं कि वह भाजपा में शामिल होकर आने वाले विधानसभा चुनाव में खरसिया से चुनाव लड़ सकते हैं। यह सीट रायगढ़ जिले में कांग्रेस का गढ़ है. वहीं चौधरी का पैतृक नगर है.
राज्य में पूर्व कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल के बेटे खरसिया से कांग्रेस के विधायक हैं. नंद कुमार पटेल की मौत 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले झीरम घाटी में नक्सल हमले में हो गई थी. चौधरी का ताल्लुक पटेल के अघरिया समुदाय से है. यह रायगढ़ का प्रभावशाली ओबीसी समुदाय है और अगर चौधरी को यहां से टिकट दिया जाता है तो चौधरी कांग्रेस के पारंपरिक वोट में संध लगा सकते हैं.
भाजपा सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी विधानसभा सीट के लिए योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं. राज्य भाजपा के महासचिव संतोष पांडे ने बताया, ''अभी तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से चौधरी के भाजपा में शामिल होने की पुष्टि नहीं की गई है और अगर ऐसा कुछ है तो शीघ्र ही स्पष्ट हो जाएगा.'' उन्होंने कहा कि अगर आईएएस और आईपीएस पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो यह एक अच्छी बात है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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