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This Article is From Feb 24, 2021

रेलवे ने कम दूरी के सफर पर बढ़ाया किराया, ऐसा करने के पीछे बताया यह कारण...

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कम दूरी के सफर पर रेलवे की ओर से किराए में की गई इस वृद्धि पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

रेलवे ने कम दूरी के सफर पर बढ़ाया किराया, ऐसा करने के पीछे बताया यह कारण...
रेलवे का तर्क है, 20-30 रुपए किराया वाले टिकट पर ही ये वृद्धि लागू होगी (प्रतीकात्‍मक फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कहा, हम चाहते हैं कोविड के चलते कम दूरी की ट्रेनों पर लोग न चढ़ें
बढ़ा किराया 3 फीसदी से कम ट्रेनों पर लागू होगा
20-30 रुपए किराया वाले टिकट पर ही लागू होगी ये वृद्धि
नई दिल्ली:

 रेलवे (Railway) ने कम दूरी के सफर पर किराया बढ़ा दिया है. बढ़ा हुआ किराया 3 फीसदी से कम ट्रेनों पर लागू होगा. भारतीय रेलवे ने किराया बढ़ाने के पीछे तर्क दिया है कि कोविड के चलते कम दूरी की ट्रेनों में लोग न चढें. इस किराया वृद्धि से ट्रेन से 30-40 किमी की दूरी तय पैसेंजर ट्रेन से तय करने वालों पर मार पड़ेगी. रेलवे का तर्क है कि 20-30 रुपए किराया वाले टिकट पर ही ये वृद्धि लागू होगी.

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कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कम दूरी के सफर पर रेलवे की ओर से किराए में की गई इस वृद्धि पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्‍होंने एक ट्वीट में लिखा, 'कोविड- आपदा आपकी, अवसर सरकार का. पेट्रोल-डीज़ल-गैस-ट्रेन किराया. मध्यवर्ग को बुरा फंसाया. लूट ने तोड़ी जुमलों की माया!' गौरतलब है कि दो दिन पहले जब राहुल गांधी ने ट्वीट किया था तब रेलवे ने इसे तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत (factually incorrect) बताया था अब दो दिन बाद किराए में की गई वृद्धि को स्वीकार किया है.

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गौरतलब है कि रेलवे के एक आला अफसर ने हाल ही में बताया था कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर यात्री ट्रेनों के परिचालन में कटौती और इनमें क्षमता से कम लोगों के सफर करने के कारण पश्चिम रेलवे को सालाना करीब 5,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है. पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने स्थानीय रेलवे स्टेशन पर संवाददाताओं को बताया, "कोविड-19 संकट के चलते हमें यात्री ट्रेनों के राजस्व के मामले में 5,000 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान हो रहा है." उनके मुताबिक कोविड-19 के डर के कारण अब भी कई लोग रेल के सफर से हिचक रहे हैं. महाप्रबंधक ने बताया था, "अभी पश्चिम रेलवे की जो यात्री ट्रेनें चल रही हैं, उनमें से कुछ रेलगाड़ियों में तो कुल सीट क्षमता के केवल 10 प्रतिशत लोग ही सफर कर रहे हैं."

उन्होंने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप से पहले पश्चिम रेलवे में करीब 300 यात्री ट्रेनें चलती थीं, लेकिन सरकार ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए पिछले साल मार्च के दौरान देश भर में यात्री ट्रेनें बंद कर दी थीं. कंसल ने हालांकि कहा कि यात्री ट्रेनों का परिचालन अब तेज गति से पटरी पर लौट रहा है और इससे पश्चिम रेलवे के किराया राजस्व में सुधार की उम्मीद है. (भाषा से भी इनपुट)

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