प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
देश की महत्वपूर्ण ट्रेनों में 'रेल नीर' आपूर्ति से जुटे भ्रष्टाचार के संबंध में की गई छापेमारी के दौरान रेलवे कैटर्स से जब्त किए गए 27 करोड़ रुपये नकद में से सीबीआई ने चार लाख रुपये कीमत के जाली नोट बरामद किए हैं।
सूत्रों ने बताया कि तलाशी के दौरान एजेंसी को भारी मात्रा में नकदी मिली कि नोट गिनने वाली तीन मशीनों और एजेंसी के पांच अधिकारियों की मदद से उसकी गिनती करने में 15 घंटे का वक्त लग गया। उन्होंने बताया कि आरके एसोसिएट्स और वृंदावन फूड प्रोडक्ट के मालिकों श्याम बिहारी अग्रवाल, उनके बेटों अभिषेक अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के आवास से 20 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में दुर्ग के रहने वाले अग्रवाल ने 2004 के आसपास एक छोटे ठेकेदार के रूप में काम शुरू किया था और धीरे-धीरे उनकी कंपनी बड़ी होती गई और उसका कारोबार 500 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया। वे लगभग सभी राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में कैटरिंग का काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि एक करोड़ रुपये नकद उनके कार्यालय से मिले हैं, जबकि 52 लाख रुपये उनकी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के आवास से मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अग्रवाल के खिलाफ जाली नोटों के संबंध में भी मामला दर्ज कर सकती है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से ट्रेनों में रेल नीर के स्थान पर सस्ता पानी बेचने का फर्जीवाड़ा चला रहे अग्रवाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बहुत जमीन खरीदी है और नोएडा, गाजियाबाद, नवी मुंबई तथा रायपुर में आलीशान होटलों का मालिक है। उन्होंने बताया कि अग्रवाल ने रेलवे अधिकारियों के साथ अपने संपर्क का कथित रूप से उपयोग कर रेलवे परिसरों में रेस्तरां के लाभप्रद ठेके प्राप्त किए।
जांच एजेंसी ने कल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रेलवे के दो मुख्य व्याणिज्यिक प्रबंधकों और अग्रवाल द्वारा चलायी जाने वाली दो कंपनियों सहित निजी कंपनियों के परिसरों सहित 13 स्थानों की तलाशी ली थी। एजेंसी ने अग्रवाल की कंपनियों से 27 करोड़ रुपये बरामद किए हैं।
सूत्रों ने बताया कि तलाशी के दौरान एजेंसी को भारी मात्रा में नकदी मिली कि नोट गिनने वाली तीन मशीनों और एजेंसी के पांच अधिकारियों की मदद से उसकी गिनती करने में 15 घंटे का वक्त लग गया। उन्होंने बताया कि आरके एसोसिएट्स और वृंदावन फूड प्रोडक्ट के मालिकों श्याम बिहारी अग्रवाल, उनके बेटों अभिषेक अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के आवास से 20 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में दुर्ग के रहने वाले अग्रवाल ने 2004 के आसपास एक छोटे ठेकेदार के रूप में काम शुरू किया था और धीरे-धीरे उनकी कंपनी बड़ी होती गई और उसका कारोबार 500 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया। वे लगभग सभी राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में कैटरिंग का काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि एक करोड़ रुपये नकद उनके कार्यालय से मिले हैं, जबकि 52 लाख रुपये उनकी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के आवास से मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अग्रवाल के खिलाफ जाली नोटों के संबंध में भी मामला दर्ज कर सकती है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से ट्रेनों में रेल नीर के स्थान पर सस्ता पानी बेचने का फर्जीवाड़ा चला रहे अग्रवाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बहुत जमीन खरीदी है और नोएडा, गाजियाबाद, नवी मुंबई तथा रायपुर में आलीशान होटलों का मालिक है। उन्होंने बताया कि अग्रवाल ने रेलवे अधिकारियों के साथ अपने संपर्क का कथित रूप से उपयोग कर रेलवे परिसरों में रेस्तरां के लाभप्रद ठेके प्राप्त किए।
जांच एजेंसी ने कल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रेलवे के दो मुख्य व्याणिज्यिक प्रबंधकों और अग्रवाल द्वारा चलायी जाने वाली दो कंपनियों सहित निजी कंपनियों के परिसरों सहित 13 स्थानों की तलाशी ली थी। एजेंसी ने अग्रवाल की कंपनियों से 27 करोड़ रुपये बरामद किए हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भारतीय रेलवे, रेल नीर घोटाला, भ्रष्टाचार, सीबीआई, जाली नोट, उत्तर रेलवे, Indian Railway, Rail Neer Scam, Rail Neer Fake Currency, Corruption, CBI, Northern Railway