नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा पीएमओ में जमा किया है, उसमें चुनाव के वक्त से अब तक में कुछ मंत्रियों की संपत्ति बढ़ गई है, तो कई की घट भी गई है।
इलेक्शन वॉच की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, रेल मंत्री सदानंद गौड़ा की संपत्ति पांच महीने में 10 करोड़ से ज़्यादा बढ़ गई है। हालांकि रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने सफ़ाई दी है कि लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले उन्होंने लोन लेकर जो संपत्ति ख़रीदी उससे ये भ्रम हो रहा है।
लोकसभा चुनावों के दौरान रेलमंत्री ने घोषणा की थी कि उनके पास कुल 9.88 करोड़ की संपत्ति है और अब पीएमओ को दिए ब्योरे में उनकी संपत्ति अब 20.35 करोड़ हो गई है। यानी पिछले पांच महीने में उनकी संपत्ति में 10.46 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि रेलमंत्री सदानंद गौड़ा ने हलफ़नामे के अलग−अलग ब्योरों पर अपनी सफ़ाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि ये संपत्ति लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले फेडरल बैंक से लोन लेकर ख़रीदी गई थी और बाकी दो करोड़ एडवांस लिए गए थे। उन्होंने कहा कि मंत्री बनने के 30 दिन के भीतर जून 2014 में पीएमओ में इस संपत्ति का ब्योरा दिया गया और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद संपत्ति में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
वहीं बीते पांच महीने में सरकार के 16 मंत्रियों की संपत्ति घटी भी है। सुषमा स्वराज के पास अप्रैल में 17.55 करोड़ की संपत्ति है, जो अब पीएमओ के ब्योरे के मुताबिक घटकर 13.65 करोड़ हो चुकी है। यानी पिछले पांच महीने में 3.89 करोड़ की गिरावट। जबकि इस दौरान जनरल वीके सिंह की संपत्ति भी 4.11 करोड़ से घटकर 98.27 लाख पर आ चुकी है। यानी पांच महीने में 3.13 करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
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