
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो
कोलकाता:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एनडीए सरकार से पूरे नहीं हुए वादों से ध्यान बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उनकी आलोचना की। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनकी दोस्ती पर सवाल उठाते हुए उन पर भी निशाना साधा।
राहुल ने कोलकाता में आयोजित रैली में कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए कांग्रेस एक व्यावहारिक विकल्प के रूप में पेश होना चाहती है, जिससे कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल की तकदीर बदल सके। उल्लेखनीय है कि राज्य में 2016 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
बीजेपी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के बीच अच्छे रिश्ते का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'जब हमारी (यूपीए) सरकार थी और हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश जाना चाहते थे, तब हमने उनसे (ममता बनर्जी से) बातचीत की थी और उनसे हमारे साथ चलने का अनुरोध किया था, लेकिन तब उन्होंने हमसे कहा, ‘नहीं, एकला चलो रे’।'
राहुल गांधी ने कहा, 'अब, मोदी जी वहां (सत्ता में) हैं, तो अब ममता की तरफ से कोई एकला चलो नहीं हो रहा। हम साथ चलेंगे, यह क्यों हो रहा है? यह दोस्ती किस बात को लेकर है? आप कारण अवश्य समझ रहे होंगे।' बता दें कि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश की यात्रा के दौरान ढाका में है।
20 मिनट से भी ज्यादा देर के अपने भाषण में राहुल गांधी ने यूपीए की पूर्व सहयोगी ममता बनर्जी की यह कहते हुए आलोचना की कि पश्चिम बंगाल को वाम शासन के अत्याचार से मुक्त कराने के अपने वादे के उलट उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद उसे दोगुणा कर दिया है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने 2011 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था और इसी के साथ राज्य में 35 सालों से चला आ रहा वाम शासन समाप्त हुआ था।
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उन पर अपने वादे पूरा नहीं करने का आरोप लगाया और मोदी सरकार को धनवानों की समर्थक व गरीब-किसान विरोधी के रूप में पेश करने के लिए 'सूट-बूट' की सरकार का अपना कथन दोहराया।
उन्होंने भूमि विधेयक को लेकर भी एनडीए सरकार की कड़ी आलोचना की और इस संदर्भ में नंदीग्राम, भट्टा परसौल और नियामगिरि के कृषकों और जनजातीय आंदोलनों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'एक साल पहले दिल्ली में एक नई सरकार आई। उसने ढेर सारे वादे किए जैसे ममताजी ने किए थे। उसने रोजगार, विकास, फैक्ट्रियां खोलने की बात भी कही। दोनों (मोदी और ममता) ने यह बात कही, लेकिन एक साल पूरा हो गया।' राहुल गांधी ने कहा, ' इसके बाद उन्होंने स्वच्छता की बात कही। उन्होंने कहा कि आपको रोजगार नहीं मिलेगा, इसलिए झाड़ू थामिए और झाड़ू लगाना शुरू कीजिए। जब स्वच्छता की चर्चा पूरी हो गई तब वह कह रहे हैं कि राजपथ पर जाइए और योग कीजिए। रोजगार के बारे में उनकी तरफ से कोई चर्चा नहीं की जी रही। पीएम जी की तरफ से हर रोज कोई न कोई नई बात कही जाती है, जिससे साफ है कि यह सारी नई बातें अपने अधूरे वादों को ढ़कने के लिए उनकी तरफ से कही जा रही हैं।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने 'वन रैंक वन पेंशन' के मुद्दे को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा, 'यूपीए शासन के दौरान पूर्व जवानों के लिए वन रैंक वन पेंशन के लिए धन दिया गया था। मोदी जी लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब, हरियाणा और जगह-जगह गए और उन्होंने वादा किया था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आई, तो वह एक साल में ही इस पेंशन योजना को लागू कर देंगे। अब सेना के लोग चिल्ला रहे हैं। वे प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उसे लागू करने की कोई तारीख दी जाए।'
राहुल गांधी ने कहा, 'लेकिन मोदीजी कह रहे हैं कि इसे बाद में हमसे मांगिए क्योंकि हम योग कर रहे हैं।' भूमि विधेयक पर मोदी सरकार पर बार-बार हमला करते हुए उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार उद्योगपतियों को अगर जमीन भी दे दे, तब भी लोगों के लिए नौकरियों के दरवाजे नहीं खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि उद्योगपति दूर-दराज के क्षेत्रों में जमीन नहीं मांग रहे हैं बल्कि गुड़गांव, नोएडा, कोलकाता जैसे स्थानों पर जमीन मांग रहे हैं, जहां संपत्ति की कीमत बढ़ रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि इन इलाकों में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाए, उन्हें भी जमीन के दामों में वृद्धि का लाभ मिले, लेकिन एनडीए सरकार लोगों को उसका लाभ पहुंचाए बगैर ही उद्योगपतियों को जमीन दे देगी।
उन्होंने वामदलों पर निशाना साधते हुए कहा, 'यहां उनके पास संगठन था। देश का बाकी हिस्सा आगे बढ़ा लेकिन यह राज्य अटक गया।'
उन्होंने तृणमूल और माकपा के चुनाव चिह्नों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सोचा था कि जब ममता बनर्जी सत्ता में आएंगी, तब पत्तियों की मृदुता हंसिया और हथौड़ा की चोट का स्थान लेगी। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह फूल हथौड़े से ज्यादा चोट कर रहा है, क्योंकि आम लोगों का उत्पीड़न यहां बढ़ रहा है।
राहुल ने कोलकाता में आयोजित रैली में कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए कांग्रेस एक व्यावहारिक विकल्प के रूप में पेश होना चाहती है, जिससे कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल की तकदीर बदल सके। उल्लेखनीय है कि राज्य में 2016 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
बीजेपी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के बीच अच्छे रिश्ते का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'जब हमारी (यूपीए) सरकार थी और हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश जाना चाहते थे, तब हमने उनसे (ममता बनर्जी से) बातचीत की थी और उनसे हमारे साथ चलने का अनुरोध किया था, लेकिन तब उन्होंने हमसे कहा, ‘नहीं, एकला चलो रे’।'
राहुल गांधी ने कहा, 'अब, मोदी जी वहां (सत्ता में) हैं, तो अब ममता की तरफ से कोई एकला चलो नहीं हो रहा। हम साथ चलेंगे, यह क्यों हो रहा है? यह दोस्ती किस बात को लेकर है? आप कारण अवश्य समझ रहे होंगे।' बता दें कि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बांग्लादेश की यात्रा के दौरान ढाका में है।
20 मिनट से भी ज्यादा देर के अपने भाषण में राहुल गांधी ने यूपीए की पूर्व सहयोगी ममता बनर्जी की यह कहते हुए आलोचना की कि पश्चिम बंगाल को वाम शासन के अत्याचार से मुक्त कराने के अपने वादे के उलट उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद उसे दोगुणा कर दिया है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने 2011 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था और इसी के साथ राज्य में 35 सालों से चला आ रहा वाम शासन समाप्त हुआ था।
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उन पर अपने वादे पूरा नहीं करने का आरोप लगाया और मोदी सरकार को धनवानों की समर्थक व गरीब-किसान विरोधी के रूप में पेश करने के लिए 'सूट-बूट' की सरकार का अपना कथन दोहराया।
उन्होंने भूमि विधेयक को लेकर भी एनडीए सरकार की कड़ी आलोचना की और इस संदर्भ में नंदीग्राम, भट्टा परसौल और नियामगिरि के कृषकों और जनजातीय आंदोलनों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'एक साल पहले दिल्ली में एक नई सरकार आई। उसने ढेर सारे वादे किए जैसे ममताजी ने किए थे। उसने रोजगार, विकास, फैक्ट्रियां खोलने की बात भी कही। दोनों (मोदी और ममता) ने यह बात कही, लेकिन एक साल पूरा हो गया।' राहुल गांधी ने कहा, ' इसके बाद उन्होंने स्वच्छता की बात कही। उन्होंने कहा कि आपको रोजगार नहीं मिलेगा, इसलिए झाड़ू थामिए और झाड़ू लगाना शुरू कीजिए। जब स्वच्छता की चर्चा पूरी हो गई तब वह कह रहे हैं कि राजपथ पर जाइए और योग कीजिए। रोजगार के बारे में उनकी तरफ से कोई चर्चा नहीं की जी रही। पीएम जी की तरफ से हर रोज कोई न कोई नई बात कही जाती है, जिससे साफ है कि यह सारी नई बातें अपने अधूरे वादों को ढ़कने के लिए उनकी तरफ से कही जा रही हैं।'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने 'वन रैंक वन पेंशन' के मुद्दे को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा, 'यूपीए शासन के दौरान पूर्व जवानों के लिए वन रैंक वन पेंशन के लिए धन दिया गया था। मोदी जी लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब, हरियाणा और जगह-जगह गए और उन्होंने वादा किया था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आई, तो वह एक साल में ही इस पेंशन योजना को लागू कर देंगे। अब सेना के लोग चिल्ला रहे हैं। वे प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उसे लागू करने की कोई तारीख दी जाए।'
राहुल गांधी ने कहा, 'लेकिन मोदीजी कह रहे हैं कि इसे बाद में हमसे मांगिए क्योंकि हम योग कर रहे हैं।' भूमि विधेयक पर मोदी सरकार पर बार-बार हमला करते हुए उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार उद्योगपतियों को अगर जमीन भी दे दे, तब भी लोगों के लिए नौकरियों के दरवाजे नहीं खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि उद्योगपति दूर-दराज के क्षेत्रों में जमीन नहीं मांग रहे हैं बल्कि गुड़गांव, नोएडा, कोलकाता जैसे स्थानों पर जमीन मांग रहे हैं, जहां संपत्ति की कीमत बढ़ रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि इन इलाकों में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाए, उन्हें भी जमीन के दामों में वृद्धि का लाभ मिले, लेकिन एनडीए सरकार लोगों को उसका लाभ पहुंचाए बगैर ही उद्योगपतियों को जमीन दे देगी।
उन्होंने वामदलों पर निशाना साधते हुए कहा, 'यहां उनके पास संगठन था। देश का बाकी हिस्सा आगे बढ़ा लेकिन यह राज्य अटक गया।'
उन्होंने तृणमूल और माकपा के चुनाव चिह्नों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सोचा था कि जब ममता बनर्जी सत्ता में आएंगी, तब पत्तियों की मृदुता हंसिया और हथौड़ा की चोट का स्थान लेगी। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह फूल हथौड़े से ज्यादा चोट कर रहा है, क्योंकि आम लोगों का उत्पीड़न यहां बढ़ रहा है।
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