
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैंब्रिज एनालिटिका में डाटा लीक होने से लेकर सीबीएससी के पेपर लीक होने तक के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है. राहुल ने हैशटैग बस एक और साल के साथ ट्वीट किया है. आपको बात दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो मामले दर्ज करके 12वीं कक्षा का अर्थशास्त्र का पेपर तथा 10वीं कक्षा का गणित का पर्चा कथित रूप से लीक होने के मामले की जांच शुरू कर दी है.इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में करीब 25 लोगों से पूछताछ की है जिसमें अधिकतर छात्र हैं जिनके पास हाथ से लिखा प्रश्न पत्र था.
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राहुल गांधी ने कहा है कि पहले कैंब्रिज एनालिटिका का डेटा लीक हुआ. इसके बाद आधार की जानकारी लीक हुई. एसएससी एग्जाम के पेपर तक लीक हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष इतने पर भी नहीं रूके उन्होंने लिखा की कर्नाटक चुनाव की तारीख तक लीक हो गई और अब सीबीएससी के 10 के गणित और 12 का इकॉनोमिक्स का पेपर तक लीक हो गए. उन्होंने कहा कि हर चीज लीक है क्योंकि चौकीदार वीक है.
वहीं बुधवार को कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति भवन में मीडिया कर्मियों को प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने को लेकर पीएम मोदी के 2014 के चुनावी नारे ‘अच्छे दिन’ पर तंज कसा था. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें रायसीनाहिल से और पीछे धकेला जाएगा. राहुल ने यह बात मीडिया कर्मियों से तब कही जब उन्होंने यह शिकायत की कि विपक्षी नेताओं के अजा- अजजा मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों को राष्ट्रपति भवन में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
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राहुल ने कहा, ‘कुछ दिनों बाद आप वहां पहुंच जाओगे... इंडिया गेट के बाहर. उसके बाद संभवत: आपको वहां भी नहीं खड़े होने दिया जाएगा.’’ गांधी ने मुस्कुराते हुए व्यंग्य किया, ‘ अच्छे दिन आ गये हैं.’
मीडियाकर्मियों की शिकायत थी कि जब विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने गये तो उन्हें राष्ट्रपति भवन के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गयी जबकि पूर्व में उन्हें भीतर जाने दिया जाता था. मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने कहा कि राजनीतिक नेताओं द्वारा राष्ट्रपति भवन के अंदरसंवाददाता सम्मेलन करने अनुमति नहीं है तथा यह परंपरा संस्था के निष्पक्ष स्वरूप पर बल देने के लिए बनायी गयी है.
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उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘ राष्ट्रपति भवन के भीतर राजनीतिक दलों कोसंवददाता सम्मेलन करने की अनुमति नहीं है. यह मानक राष्ट्रपति द्वारा जुलाई 2017 में पद संभालने के बाद लागू किया गया ताकि संस्था के निष्पक्ष स्वरूप पर बल दिया जाए. सभी राजनीतिक दलों द्वारा किये गये अनुरोधों को विनम्रता से मना कर दिया जाता है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कितने लीक?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 29, 2018
डेटा लीक !
आधार लीक !
SSC Exam लीक !
Election Date लीक !
CBSE पेपर्स लीक !
हर चीज में लीक है
चौकीदार वीक है#BasEkAurSaal
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राहुल गांधी ने कहा है कि पहले कैंब्रिज एनालिटिका का डेटा लीक हुआ. इसके बाद आधार की जानकारी लीक हुई. एसएससी एग्जाम के पेपर तक लीक हो गए. कांग्रेस अध्यक्ष इतने पर भी नहीं रूके उन्होंने लिखा की कर्नाटक चुनाव की तारीख तक लीक हो गई और अब सीबीएससी के 10 के गणित और 12 का इकॉनोमिक्स का पेपर तक लीक हो गए. उन्होंने कहा कि हर चीज लीक है क्योंकि चौकीदार वीक है.
वहीं बुधवार को कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति भवन में मीडिया कर्मियों को प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने को लेकर पीएम मोदी के 2014 के चुनावी नारे ‘अच्छे दिन’ पर तंज कसा था. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें रायसीनाहिल से और पीछे धकेला जाएगा. राहुल ने यह बात मीडिया कर्मियों से तब कही जब उन्होंने यह शिकायत की कि विपक्षी नेताओं के अजा- अजजा मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों को राष्ट्रपति भवन में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
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राहुल ने कहा, ‘कुछ दिनों बाद आप वहां पहुंच जाओगे... इंडिया गेट के बाहर. उसके बाद संभवत: आपको वहां भी नहीं खड़े होने दिया जाएगा.’’ गांधी ने मुस्कुराते हुए व्यंग्य किया, ‘ अच्छे दिन आ गये हैं.’
मीडियाकर्मियों की शिकायत थी कि जब विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने गये तो उन्हें राष्ट्रपति भवन के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गयी जबकि पूर्व में उन्हें भीतर जाने दिया जाता था. मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने कहा कि राजनीतिक नेताओं द्वारा राष्ट्रपति भवन के अंदरसंवाददाता सम्मेलन करने अनुमति नहीं है तथा यह परंपरा संस्था के निष्पक्ष स्वरूप पर बल देने के लिए बनायी गयी है.
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उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘ राष्ट्रपति भवन के भीतर राजनीतिक दलों कोसंवददाता सम्मेलन करने की अनुमति नहीं है. यह मानक राष्ट्रपति द्वारा जुलाई 2017 में पद संभालने के बाद लागू किया गया ताकि संस्था के निष्पक्ष स्वरूप पर बल दिया जाए. सभी राजनीतिक दलों द्वारा किये गये अनुरोधों को विनम्रता से मना कर दिया जाता है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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