प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने पिछले चुनावों में विवादास्पद डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं जिस पर राहुल ने पलटवार किया. कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से डाटा चुराने के आरोप हैं. कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया और भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने कंपनी की सेवाएं लीं. राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘ मामले लंबित रहने से न्याय व्यवस्था चरमरा रही है. उच्चतम न्यायालय में 55 हजार से ज्यादा, उच्च न्यायालयों में 37 लाख से ज्यादा, निचली अदालतों में 2.6 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं. फिर भी उच्च न्यायालयों में 400 और निचली अदालतों में 6000 न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि कानून मंत्री फर्जी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं.’’
Justice K M Joseph, overturned President’s rule in Uttarakhand in 2016.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 24, 2018
When his name was proposed for the Supreme Court, Modi ji‘s ego was hurt.
Approval of over 100 judges, cleared for the Supreme Court and various High Courts are now on hold.#JudiciaryDemonetised
उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तंज कसा. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘ न्यायमूर्ति के एम जोसफ ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का फैसला पलट दिया. जब उनका नाम उच्चतम न्यायालय के लिए प्रस्तावित किया गया तो मोदी जी के अहम को ठेस लग गई. उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के लिए सौ से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति को स्थगित कर दिया गया.’’
Mr Rahul Gandhi, pendency is the legacy which UPA Govt of 10years had given us where judicial infrastructure development was the lowest priority. We r improving the situation by creating more infrastructure, more digitization & greater technology application in disposal of cases pic.twitter.com/VEQ2ak8WRr
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) March 24, 2018
इस पर प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी, ‘‘ श्रीमान राहुल गांधी, आपके ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखते हुए आपकी टीम ने एक बार फिर होमवर्क नहीं करते हुए आपको गलत जानकारी दी. संप्रग के पहले कार्यकाल में उच्च न्यायालयों में हर साल औसतन 86 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी, उसके दूसरे कार्यकाल में यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 79 था.
Mr Rahul Gandhi, maintaining your track record your team has failed you once again by not doing their homework. Average appointments of High Court Judges under UPA-1 was 86 per year, and in UPA-2 it was 79 per year. Under NDA it has been 109 per year. pic.twitter.com/84QX8RK0jC
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) March 24, 2018
लेकिन राजग के कार्यकाल में यह सालाना 109 है. 2016 में उच्च न्यायालयों में रिकॉर्ड 126 न्यायाधीशों को नियुक्ति दी गई, आजादी के बाद से यह सर्वाधिक है.’’ कांग्रेस और भाजपा एक- दूसरे पर विवादास्पद डाटा कंपनी की सेवाएं लेने के आरोप लगा रही हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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