मुंबई:
हाल में संन्यास लेने वाले राहुल द्रविड़ ने संकेत दिया है कि भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग देने की पेशकश मिलने पर वह इस पर विचार कर सकते हैं।
यह पूछने पर कि क्या वह भविष्य में भारतीय टीम की कोचिंग जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं, द्रविड़ ने कहा, ‘‘किसी को क्या पता कि भविष्य में ऐसा हो सकता है।’’ द्रविड़ किसी प्रतिबद्धता से बचे लेकिन उन्होंने इस साल आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के साथ अपनी भूमिका की ओर इशारा किया जब वह टीम के कप्तान सह-मेंटर थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता। कई चीजों के बारे में मैंने अभी फैसला नहीं किया है। मेरे पास लेवल एक, दो और तीन का प्रमाण पत्र नहीं है जो लोग कभी-कभी मांगते हैं।’’ द्रविड़ ने कहा, ‘‘इस साल यह राजस्थान रॉयल्स के साथ मेरी भूमिका का हिस्सा था। यह नेतृत्व क्षमता से थोड़ा बढ़कर है। मैं इसके रणनीति और कोचिंग के हिस्से से जुड़ा था और इसका पूरा लुत्फ उठाया।’’ खेल के भद्रजनों में शामिल रहे द्रविड़ ने खुलासा किया कि अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान उन्होंने कुछ मौकों पर अपना संयम गंवा दिया था।
द्रविड़ ने कहा, ‘‘ड्रेसिंग रूम की निजता के दौरान मैं कभी कभी अपनी भावनाओं को बहने देता हूं। मैं बहुत जल्द नाराज नहीं होता लेकिन कभी ऐसा समय आता है जब मैं खुद से हताश हो जाता हूं, शायद खराब शॉट खेलने के बाद, आउट होने के बाद, मैंने अपने कुछ सामान को नुकसान भी पहुंचाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि 20 साल के दौरान आप कम से कम एक या दो बार तो मुझे ऐसा करने की इजाजत दोगे।’’ कई मैच विजयी पारी खेलने वाले खिलाड़ी के लिए किसी एक अच्छी पारी को चुनना मुश्किल है लेकिन द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में अपने दोहरे शतक को अपनी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी पारी के दौरान जिस तरह खेला और जिस तरह मैं नियंत्रण में था, मुझे लगता है कि यह मेरी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। यह ध्यान में रखते हुए भी कि ऑस्ट्रेलिया ने 550 से अधिक रन बनाए थे लेकिन सही कहूं तो वह अच्छा बल्लेबाजी विकेट था।’’ एडिलेड टेस्ट में छक्का मारकर शतक पूरा करने के बारे में द्रविड़ ने कहा, ‘‘मैं कभी छक्का नहीं मारना चाहता था। बस यह हो गया। मैंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं था, यह खुद-ब-खुद हो गया।’’
जहां तक वीवीएस लक्ष्मण के साथ जुड़ाव का सवाल है तो द्रविड़ ने कहा, ‘‘यह शानदार है। इतने वर्षों तक उसके साथ खेलना और कुछ बेजोड़ साझेदारियों का हिस्सा होना। वीवीएस काफी अच्छा खिलाड़ी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सचिन (तेंदुलकर), वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, गौतम गंभीर, लक्ष्मण और मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ बल्लेबाजी का मौका मिला जो भारतीय क्रिकेट की महान हस्ती हैं।’’ किसी भी क्रम में और किसी भी भूमिका में बल्लेबाजी करने की क्षमता के बारे में पूछने पर द्रविड़ ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले कहा, यही टीम खेल का शानदार हिस्सा है। मैं स्कूल में हॉकी टीम का हिस्सा था, फुटबॉल भी खेला। मेरे लिए एक चुनौती यह होती थी कि टीम अच्छा महसूस करे। इससे मुझे विकसित होने का मौका मिला, इसलिए अलग अलग क्रम पर बल्लेबाजी करना कभी समस्या नहीं थी।’’
यह पूछने पर कि क्या वह भविष्य में भारतीय टीम की कोचिंग जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं, द्रविड़ ने कहा, ‘‘किसी को क्या पता कि भविष्य में ऐसा हो सकता है।’’ द्रविड़ किसी प्रतिबद्धता से बचे लेकिन उन्होंने इस साल आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के साथ अपनी भूमिका की ओर इशारा किया जब वह टीम के कप्तान सह-मेंटर थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता। कई चीजों के बारे में मैंने अभी फैसला नहीं किया है। मेरे पास लेवल एक, दो और तीन का प्रमाण पत्र नहीं है जो लोग कभी-कभी मांगते हैं।’’ द्रविड़ ने कहा, ‘‘इस साल यह राजस्थान रॉयल्स के साथ मेरी भूमिका का हिस्सा था। यह नेतृत्व क्षमता से थोड़ा बढ़कर है। मैं इसके रणनीति और कोचिंग के हिस्से से जुड़ा था और इसका पूरा लुत्फ उठाया।’’ खेल के भद्रजनों में शामिल रहे द्रविड़ ने खुलासा किया कि अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान उन्होंने कुछ मौकों पर अपना संयम गंवा दिया था।
द्रविड़ ने कहा, ‘‘ड्रेसिंग रूम की निजता के दौरान मैं कभी कभी अपनी भावनाओं को बहने देता हूं। मैं बहुत जल्द नाराज नहीं होता लेकिन कभी ऐसा समय आता है जब मैं खुद से हताश हो जाता हूं, शायद खराब शॉट खेलने के बाद, आउट होने के बाद, मैंने अपने कुछ सामान को नुकसान भी पहुंचाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि 20 साल के दौरान आप कम से कम एक या दो बार तो मुझे ऐसा करने की इजाजत दोगे।’’ कई मैच विजयी पारी खेलने वाले खिलाड़ी के लिए किसी एक अच्छी पारी को चुनना मुश्किल है लेकिन द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में अपने दोहरे शतक को अपनी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी पारी के दौरान जिस तरह खेला और जिस तरह मैं नियंत्रण में था, मुझे लगता है कि यह मेरी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। यह ध्यान में रखते हुए भी कि ऑस्ट्रेलिया ने 550 से अधिक रन बनाए थे लेकिन सही कहूं तो वह अच्छा बल्लेबाजी विकेट था।’’ एडिलेड टेस्ट में छक्का मारकर शतक पूरा करने के बारे में द्रविड़ ने कहा, ‘‘मैं कभी छक्का नहीं मारना चाहता था। बस यह हो गया। मैंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं था, यह खुद-ब-खुद हो गया।’’
जहां तक वीवीएस लक्ष्मण के साथ जुड़ाव का सवाल है तो द्रविड़ ने कहा, ‘‘यह शानदार है। इतने वर्षों तक उसके साथ खेलना और कुछ बेजोड़ साझेदारियों का हिस्सा होना। वीवीएस काफी अच्छा खिलाड़ी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सचिन (तेंदुलकर), वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, गौतम गंभीर, लक्ष्मण और मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ बल्लेबाजी का मौका मिला जो भारतीय क्रिकेट की महान हस्ती हैं।’’ किसी भी क्रम में और किसी भी भूमिका में बल्लेबाजी करने की क्षमता के बारे में पूछने पर द्रविड़ ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने पहले कहा, यही टीम खेल का शानदार हिस्सा है। मैं स्कूल में हॉकी टीम का हिस्सा था, फुटबॉल भी खेला। मेरे लिए एक चुनौती यह होती थी कि टीम अच्छा महसूस करे। इससे मुझे विकसित होने का मौका मिला, इसलिए अलग अलग क्रम पर बल्लेबाजी करना कभी समस्या नहीं थी।’’
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