उना में रोहित वेमुला की मां ने फहराया तिरंगा, कन्हैया कुमार भी हुए शामिल

उना में रोहित वेमुला की मां ने फहराया तिरंगा, कन्हैया कुमार भी हुए शामिल

उना में हजारों की संख्या में पहुंचे हैं दलित.

खास बातें

  • उना में दलित युवकों की पिटाई के बाद भड़का आक्रोश.
  • हजारों दलितों ने अहमदाबाद से उना तक पैदल यात्रा निकाली.
  • कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रोहित वेमुला की मां और कन्हैया कुमार रहे.
उना:

जनवरी में हैदराबाद विश्वविद्यालय में फांसी लगाकर सुसाइड करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला को गुजरात के उना में विशेष सम्मान दिया गया. उन्होंने वहां के एक सरकारी स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. गुजरात का यह छोटा सा कस्बा पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है. पिछले महीने गाय की हत्या के आरोप में चार दलित युवकों को कार से बांधकर कपड़े उतरवाकर पीटा गया था.

दिल्ली में लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक सद्भाव के महत्व और समाज के निचले तबके के अधिकारों के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की बात की.
 


उना में आज इकट्ठा हुए हजारों लोगों का कहना है कि वे इस तरह के वादे सुन-सुनकर थक चुके हैं. इनमें जेनयू के छात्र कन्हैया कुमार भी शामिल थे जिन्हें फरवरी में राज-द्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. रोहित वेमुला ने आत्महत्या से पहले हैदराबाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर जाति के आधार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, वह विश्वविद्यालय में पीएचडी स्कॉलर थे. वेमुला की आत्महत्या और कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के चलते साल के शुरुआती महीनों में सरकार को दो-दो छात्र आंदोलनों का सामना करना पड़ा था.

उना में लोगों को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री के गुजरात के विकास की कहानियों को झूठा बताते हुए कहा, "आपने गुजरात के विकास मॉडल की पोल खोल दी है."

उना में दलितों ने ली मैला न उठाने की शपथ

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनकी यात्रा राजनीतिक नहीं है और इसका मकसद दलितों को उनका अधिकार दिलाना है- जैसे जमीनें जो दलित किसानों के लिए निकाली गई थीं लेकिन कभी उन्हें दी नहीं गई.

इस महीने की शुरुआत में दलितों ने सड़कें जाम कर दी थीं और अहमदाबाद में कई बसों पर हमले किए थे. उनका कहना था कि वे उना में दलितों पर अत्याचार की वीडियो रिकॉर्डिंग को सार्विजनिक करने का बदला ले रहे हैं. लोगों का गुस्सा बढ़ा तो आनंदीबेन पटेल को भाजपा ने गुजरात की मुख्यमंत्री पद से हटा दिया. गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. गुजरात की 8 प्रतिशत जनता दलित है और उना में हुए अत्याचार की नाराजगी पंजाब और उत्तर प्रदेश तक फैल गई है. इन राज्यों में बड़ी संख्या में दलित रहते हैं और अगले साल यहां भी चुनाव होने हैं.
 

स्वतंत्रता दिवस पर उना और राज्य के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में मुसलमान उना पहुंचकर दलितों का समर्थन कर रहे हैं.

जुलाई में जिन युवकों पर हमला किया गया उन पर गाय की हत्या का गलत आरोप लगाया गया. गायों की हत्या भारत के कई राज्यों में गैर कानूनी है. असल में युवक मरे हुए गायों की चमड़ी उतार रहे थे. इसके बदले उन्हें कुछ पैसे दिए जाते हैं.

पिछले सप्ताहांत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरक्षकों की आलोचना करते हुए कहा था कि ज्यादतर लोग धर्म का उपयोग अपने अपराध को छिपाने के लिए करते हैं. इन अपराधों का गौरक्षा से कोई संबंध ही नहीं होता. गौरक्षक गाय को ले जाने वाले ट्रकों का पीछा करते हैं और पशु वध गृहों में छापे मारते हैं.

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