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This Article is From Mar 06, 2019

राफेल पर फिर कांग्रेस का वार: चौकीदार की चोरी पकड़ी गई, 36 राफेल के लिए ज्यादा दाम

राफेल पर फिर कांग्रेस का वार: चौकीदार की चोरी पकड़ी गई, 36 राफले के लिए ज्यादा दाम

राफेल पर फिर कांग्रेस का वार: चौकीदार की चोरी पकड़ी गई, 36 राफेल के लिए ज्यादा दाम
राफेल पर फिर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला.
नई दिल्ली:

राफेल के मुद्दे पर एक बार फिर से कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला और प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राफेल को लेकर मोदी सरकार पर राफेल में चोरी करने का आरोप लगाया और एक बार फिर से कहा कि चौकीदार ने चोरी की है. 

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रणदीप सुरजेवाला ने इंडिया नेगोसिएशन टीम के हवाले से कहा कि जब कांग्रेस की सरकार 126 जहाज खरीद रही थी, तब उनमें ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल थी. मगर मोदी सरकार के सौदे में यह नहीं है. 

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उन्होंने आगे कहा कि चौकीदार की तीसरी चोरी है कि चौकीदार स्वंय इंडियन नेगोसिएशन टीम को बाइपास कर 36 लड़ाकू जहाजों की नेगोशिएशन कर रहे थे. दोस्तों यह सनसनीखेज बात है कि इन 36 जहाजों के खरीदने का निर्णय इंडियन नेगोशिएशन टीम ने नहीं किया. इसका नेगोशिएशन अजित डोभाल ने किया.

कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें:

  • राफेल घोटाले के लिए पीएम जिम्मेदार हैं. इस सौदे में करप्शन है. 36 की कीमत अधिक है 126 से. उन्होंने कहा कि 36 राफेल की कीमत 63 हजार 450 करोड़ है. मोदी सरकार 36 की कीमत 59 हज़ार 132 करोड़ कहा गया. चौकीदार की चोरी पकड़ी गई है. 
  • राफेल की बैंक गारंटी हटा तो चौकीदार ने लूट लिया. पीएम में रफाल बनाने वाली कंपनी के लिए कैबिनेट की बैठक में बैंक गारंटी को खारिज कर दिया. रक्षा और कानून मंत्रालय कहता बैंक गारंटी होनी चाहिए तो मोदी जी 4 हज़ार 305 करोड़ का फायदा दिया.
  • 36 रफाल की कीमत में भारत के ज़रूरत के मुताबिक कीमत शामिल नहीं की गई ताकि कीमत कम दिखाई जाए.
  • जब यूपीए ले रही थी तो कीमत कम थी लेकिन मोदी जी के समय कीमत बढ़ गई.
  • रक्षा सौदे में तकनीकी ट्रांसफर होना था लेकिन इसमें शामिल नहीं था. 36 विमान 70 हज़ार 250 करोड़ पड़ रहा है.
  • चौकीदार सबको छोड़कर खुद डील कर रहे थे. 12 और 13 जनवरी में अजित डोभाल ने फ्रांस गए और इस डील की बात की. इंडियन नेगोसिएशन टीम ने ये फैसला नहीं लिया. 
     

इससे पहले कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राफेल सौदे को लेकर किये गए हमले पर पलटवार किया और दावा किया कि सरकार ने इस लड़ाकू विमान की खरीद की प्रक्रिया पर गौर करने के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट की उपेक्षा की जिस पर मोदी को जवाब देना चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर बालाकोट में वायुसेना की करवाई का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री और शाह को इससे बचना चाहिए. 

एंटनी ने संवाददाताओं से कहा, ''मैं अपने सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को सलाम करता हूं. हम सभी को अपने सशस्त्र बलों का समर्थन करना चाहिए." उन्होंने दावा किया, "हमारे प्रधानमंत्री देश में घूम रहे हैं और गलत जानकारियां फैला रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कमीशन के लिए राफेल के सौदे में देरी की. उनके इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है.'' पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि कैग रिपोर्ट से साफ है कि पूर्व की राजग सरकार ने चार साल बर्बाद किये. लेकिन जब संप्रग सरकार आयी तो हमने प्रक्रिया शुरू की. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के दौरान भाजपा के नेताओं यशवंत सिन्हा और सुब्रमण्यम स्वामी ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद एक समिति का गठन हुआ. इस समिति की रिपोर्ट को नरेंद्र मोदी सरकार ने नजरअंदाज किया. अगर हम सरकार में रहकर समिति की रिपोर्ट को नजरअंदाज करते तो कैग की क्या प्रतिक्रिया होती? क्या मीडिया का यही रुख होता? 

कांग्रेस नेता ने कहा, " मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि इस सरकार में समिति की रिपोर्ट पर न तो रक्षा मंत्रालय में चर्चा हुई और न ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति में इस पर विचार हुआ. प्रधानमंत्री को जवाब देना चहिए कि उनकी सरकार ने समिति की रिपोर्ट की उपेक्षा क्यों की?" उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ जो करार किया, उसमें देश के राष्ट्रीय हितों से समझौता किया. 
 

VIDEO : राफेल के मुद्दे पर सियासत

 

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