पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे लॉकडाउन के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों का डेटा तैयार करें. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मजदूरों के परिवहन के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रवासी मजदूरों की वापसी से जुड़ी प्रक्रिया के समन्वय के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.राज्य के डीसी और एसएसपी के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रवासी मजदूरों के परिवहन के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.उन्होंने कहा कि अकेले लुधियाना में सात लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, जबकि पूरे पंजाब में दस लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी डेटा जुटाया जा रहा है, हालाँकि, पंजाब में लगभग 70 प्रतिशत मजदूर बिहार से हैं.
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी तादाद में मजदूरों की आवाजाही केवल ट्रेनों के माध्यम से ही संभव है. उनके प्रस्थान के समय सबकी उचित जांच की जानी चाहिए.सिंह ने उपायुक्तों को प्रवासी मजदूरों का डेटाबेस तैयार करने के लिए कहा ताकि उनकी वापसी सुनिश्चित हो सके.लॉकडाउन के दौरान कुछ जिलों में खाने के पैकेटों की कमी से जुड़ी चिंताओं के समाधान के लिए उन्होंने खाद्य विभाग को प्रवासी मजदूरों और गैर-स्मार्ट कार्ड धारकों को वितरित किए जाने वाले राशन का कोटा बढ़ाने का निर्देश दिया.उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए.''
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