कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के समय सेफ्टी किट खरीदने में धांधली के आरोपों पर केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से जांच में तेजी लाने को कहा है. सात लाख रुपये कीमत के PPE किट को 41 लाख रुपये में खरीदने को लेकर अस्पताल स्टाफ द्वारा आरोप लगाए हैं, जिस पर कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने पंजाब की अमरिंदर सरकार से जांच में तेजी लाने को कहा है.
कांग्रेस के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने अपनी निधि से अमृतसर के एक सरकारी अस्पताल को एक करोड़ रुपये दिए थे. जिसका इस्तेमाल निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) खरीदने में हुआ. इस खरीद में धांधली के आरोप लगने और जांच में देरी को लेकर सांसद ने राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी पिछले सप्ताह पत्र लिखा था.
सांसद ने 16 जून को लिखे पत्र में कहा, "यह बहुत चिंता की बात है कि इस मुश्किल भरे दौर में भी मुनाफाखोरों ने हमें नहीं छोड़ा और किस तरह से अस्पताल प्रबंधन और अधिकारी जांच को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं."
उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले की जांच कर रहे आईएएस अधिकारी का भी ट्रांसफर कर दिया गया है. राज्य सरकार द्वारा की जा रही आरोपों की जांच से संतुष्ट नहीं होने पर कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा.
इस हफ्ते, केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कथित घोटाले की समयबद्ध तरीके से जांच करने के लिए कहा है.
अमृतसर के गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के स्टाफ ने अप्रैल में करीब 2000 पीपीई किट में खराबी का आरोप लगाते हुए इस्तेमाल करने से मना कर दिया था. इसमें एन-95 मास्क भी शामिल नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की ओर से जिन किट के लिए 41 लाख रुपये का भुगतान करने की बात कही जा रही है, उनकी कीमत सात लाख रुपये से ज्यादा नहीं है और इसमें एन-95 मास्क भी शामिल नहीं है.
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