
पुणे नगर निगम के पैसे जुटाने के तरीके की हो रही चर्चा. तस्वीर: प्रतीकात्मक
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पुणे नगर निगम ने 200 करोड़ रुपए जुटाए
10 साल की अवधि के बांड बेचकर जुटाए रुपए
जल परियोजना में खर्च किए जाएंगे ये रुपए
इस मुद्दे को एसबीआई कैपिटल मार्केट द्वारा संभाला जा रहा था, जो 6 बार ओवर सब्सक्राइब्ड हुआ. इसने 1,200 करोड़ रुपये का मूल्य प्राप्त किया था. निगम आयुक्त कुणाल कुमार ने कहा, 'हमने वित्तीय ताकत दिखाई है. हमने अपने टैरिफ में वृद्धि करने के लिए 30 साल की योजना बनाई है, जो राजस्व का एक स्रोत है. हमने इस योजना के लिए राजनीतिक समर्थन भी हासिल किया है.' उन्होंने कहा कि दूसरे निकायों को इस तरीके को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.
निगम आयुक्त कुनाल कुमार ने कहा कि पुणे नगर निगम एक केस स्टडी तैयार करेगा, जिसमें इस तरीके पर काम करने के अनुभव और अन्य चीजों को दूसरे निकायों के साथ साझा किया जाएगा. ताकि इससे अन्य निकायों को भी फायदा हो. इसके बाद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि म्यूनिसिपल फाइनेंस में नए युग की शुरुआत हो चुकी है. पुणे नगर निगम ने इतिहास रच दिया है.
इनपुट: भाषा
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