पैसे जुटाने के मामले में पुणे नगर निगम ने पेश की मिसाल, क्या दूसरे निगम अपनाएंगे ये तरीका?

इस मुद्दे को एसबीआई कैपिटल मार्केट द्वारा संभाला जा रहा था, जो 6 बार ओवर सब्सक्राइब्ड हुआ. इसने 1,200 करोड़ रुपये का मूल्य प्राप्त किया था. निगम आयुक्त कुणाल कुमार ने कहा, 'हमने वित्तीय ताकत दिखाई है. हमने अपने टैरिफ में वृद्धि करने के लिए 30 साल की योजना बनाई है, जो राजस्व का एक स्रोत है.

पैसे जुटाने के मामले में पुणे नगर निगम ने पेश की मिसाल, क्या दूसरे निगम अपनाएंगे ये तरीका?

पुणे नगर निगम के पैसे जुटाने के तरीके की हो रही चर्चा. तस्वीर: प्रतीकात्मक

खास बातें

  • पुणे नगर निगम ने 200 करोड़ रुपए जुटाए
  • 10 साल की अवधि के बांड बेचकर जुटाए रुपए
  • जल परियोजना में खर्च किए जाएंगे ये रुपए
पुणे:

पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने 10 साल की अवधि के बांड बेचकर 200 करोड़ रुपए जुटाए. पीएमसी पिछले 14 साल में इस रास्ते से पैसा जुटाने वाला पहला नगर निकाय बन गया है. निगम 7.59 फीसद कूपन दर पर इससे जुटायी गयी रकम 2,300 करोड़ रुपए की जल परियोजना में खर्च करेगा. निगम आयुक्त कुणाल कुमार ने कहा कि हम इस परियोजना के भुगतान कार्यक््रम के अनुसार अगले पांच साल में क्रमबद्ध तरीके से धन जुटायेंगे.

इस मुद्दे को एसबीआई कैपिटल मार्केट द्वारा संभाला जा रहा था, जो 6 बार ओवर सब्सक्राइब्ड हुआ. इसने 1,200 करोड़ रुपये का मूल्य प्राप्त किया था. निगम आयुक्त कुणाल कुमार ने कहा, 'हमने वित्तीय ताकत दिखाई है. हमने अपने टैरिफ में वृद्धि करने के लिए 30 साल की योजना बनाई है, जो राजस्व का एक स्रोत है. हमने इस योजना के लिए राजनीतिक समर्थन भी हासिल किया है.' उन्होंने कहा कि दूसरे निकायों को इस तरीके को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. 

निगम आयुक्त कुनाल कुमार ने कहा कि पुणे नगर निगम एक केस स्टडी तैयार करेगा, जिसमें इस तरीके पर काम करने के अनुभव और अन्य चीजों को दूसरे निकायों के साथ साझा किया जाएगा. ताकि इससे अन्य निकायों को भी फायदा हो. इसके बाद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि म्यूनिसिपल फाइनेंस में नए युग की शुरुआत हो चुकी है. पुणे नगर निगम ने इतिहास रच दिया है.

इनपुट: भाषा


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