पुणे में 10 दिन पहले कोरोना वायरस के कारण अपने पिता को खो देने और परिवार के चार अन्य सदस्यों के भी संक्रमण की चपेट में आ जाने के बाद 35 वर्षीय एक शख्स सदमे में है और उसके पास इतनी हिम्मत नहीं बची है कि वह अपनी मां को पिता के निधन की सूचना दे सके. महाराष्ट्र में सब्जियों का व्यापार करने वाला शख्स आस-पास के लोगों के असंवेदनशील व्यवहार से भी दुखी है जिन्होंने संकट की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ बातचीत करना बंद कर दिया है.
उसके 60 वर्षीय पिता की नौ अप्रैल को पुणे के सरकारी ससून जनरल अस्पताल में मौत हो गई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मृतक को पहले से भी गंभीर बीमारियां थी. वह मधुमेह के अलावा लकवाग्रस्त भी थे. युवक के पिता का इलाज चल ही रहा था कि उसकी पत्नी, दो बेटियों और भाई में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई और सभी फिलहाल शहर के पृथक केंद्र में भर्ती हैं. शख्स ने कहा कि उसके पिता को निमोनिया होने का पता चलने के बाद उन्हें ससून अस्पताल भेज दिया गया जहां छह अप्रैल को उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई.
उसने बताया, “बाद में परिवार के 12 अन्य सदस्यों के नमूने लिए गए और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया गया. मेरी पत्नी, भाई और दो बेटियों में संक्रमण की पुष्टि हुई. हममें से मुझे, मेरी मां और एक साल के बेटे को वापस भेज दिया गया और स्वास्थ्य केंद्र में पृथक रखा गया.” नौ अप्रैल को उसे अपने पिता के निधन की चौंकाने वाली खबर मिली और वह यकीन नहीं कर पाया.
उसने कहा, “यह अप्रत्याशित था क्योंकि उनकी स्थिति स्थिर थी. हम इसे मानने के लिए खुद को अब तक तैयार नहीं कर पाए हैं. सबसे दुख की बात यह है कि हमारे परिवार में से कोई उन्हें देख नहीं पाया और उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाया.” उसके पिता का अंतिम सस्कार अंजुम इनामदार के सामाजिक संगठन मूल निवासी मंच ने किया. व्यक्ति ने इनामदार से कुछ फोटो और वीडियो लेने का आग्रह किया ताकि परिवार उन्हें देख सके.
युवक ने कहा कि उसका परिवार अब भी अस्पताल में है इसलिए उसके पास अपनी मां को यह बताने की हिम्मत नहीं है कि उसके पिता नहीं रहे. पुणे का एक और निवासी इसी दर्द से गुजर रहा है. उसकी 50 वर्षीय मां की कोरोना वायरस के चलते 14 अप्रैल को मौत हो गई थी. पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की सदस्य रजी खान ने कहा कि वे अब तक 20 शवों को दफना चुके हैं. वे उन लोगों के शव दफना रहे हैं जिनके परिवार को कोई सदस्य शव लेने नहीं पहुंच रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं