नई दिल्ली:
पुणे के किसानों पर गोलीबारी की एनडीटीवी को मिली तस्वीरों ने पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के तमाम दावों की पोल खोल दी है। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस और महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने ये दावा किया था कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से खुद को बचाने के लिए गोली चलाई। पुलिस का दावा था कि किसानों ने उन पर पथराव किया जबकि तस्वीरें अलग ही कहानी कह रही हैं। इन तस्वीरों में कहीं कोई किसान पथराव करता नहीं दिख रहा बल्कि पुलिस निहत्थे किसानों के पीछे गोलियां चलाती दिख रही है। गोलीबारी में चार किसान मारे गए। किसानों पर फायरिंग का ये मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा से लेकर संसद तक गूंज रहा है। विधानसभा में आज भी जमकर हंगामा हुआ जिसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष के दबाव में सरकार को न्यायिक जांच के आदेश देने पड़े हैं। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मामले की जांच करेंगे जिसे पूरा करने की समय सीमा तीन महीने की होगी।
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