जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Attack) की शुरुआती जांच में कई नई चीजें सामने आईं हैं. विस्फोट में आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ. पहले कहा जा रहा था कि विस्फोटक की मात्रा करीब साढ़े तीन सौ किलो थी, मगर अब जांच में सामने आया है कि मात्रा करीब 60 किलो थी.ऐसा धमाका 2001 के बाद पहली बार कश्मीर में हुआ. 2001 में कश्मीर विधानसभा के गेट पर आईडी धमाका हुआ था, जिसमे करीब 30 लोग मारे गये थे.इस आईडी को किसी एक्सपर्ट ने तैयार किया था जो बहुत ही घातक था.इसका असर इतना था कि सीआरपीएफ जवानों से भरी बस के परखच्चे उड़ गए.
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बस जमीन से उछलकर 30 मीटर दूर जा गिरी और पीछे के मजबूत हिस्से के टुकड़े टुकड़े हो गए. वहीं एक जवान का शव 80 मीटर दूर जा गिरा. विस्फोटक की तीव्रता इतनी थी कि धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस आतंकी हमले में जिस तरह मानव बम का इस्तेमाल हुआ है वो बहुत ही खतरनाक ट्रेंड है, इस तरह की चुनौती से निपटना आसान नहीं है.जो भी आतंकी मानव बम बना, उसका बहुत ब्रेनवॉश किया गया होगा. आशंका है कि इस बड़े हमले की योजना में और भी कई लोग शामिल हैं. संदिग्ध लोगों से पूछताछ जारी है.धमाके वाली जगह से एजेंसियों की जांच जारी है. आस पास के लोगों से पूछताछ और सीसीटीवी को भी खंगाला जा रहा है.हमले में जैश के आतंकी ही शामिल है और आशंका जताई जा रही है कि इसमें दूसरे आतंकी संगठनों ने मदद की हो.
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क्या हुए नए खुलासे
जिस कार से टक्कर मारी गई थी, वह एसयूवी नहीं एक कार थी, जिसमें विस्फोटक भरे हुए थे. सूत्रों से यह जानकारी मिली है. पहले कहा जा रहा था कि साढ़े तीन सौ किलो आरडीएक्स मौजूद था, उसकी मात्रा 60 किलो थी. तीसरी बात सामने आए कि सीआरपीएफ की को बाईं ओर से ओवरटेक कर विस्फोट किया गया.बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में उस वक्त गुरुवार को हमला हुआ, जब सीआरपीएफ (CRPF) का काफिला गुजर रहा था.सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया. फिलहाल 42 जवानों के शहीद होने की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है. रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है.
उधर, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहित कई राजनेताओं ने हमले की निंदा की है. रिपोर्ट के अनुसार उरी के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है.. घायलों का श्रीनगर स्थित सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है. सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों को ले जा रही बस को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया था. हमले में कई अन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाकर किए गए आईईडी विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसे आत्मघाती हमला बताया है. बता दें कि यह हमला श्रीनगर से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर हुआ है. रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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