कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब पहनने के अपने अधिकार को लेकर छात्राओं का विरोध अब और कई कॉलेजों में फैल चुका है. आज (शनिवार, 5 फरवरी) सुबह, हिजाब पहने लगभग 40 छात्राएं कर्नाटक के उडुपी जिले के एक तटीय शहर कुंडापुर में भंडारकर आर्ट्स एंड साइंस डिग्री कॉलेज के मेन गेट पर तब खड़ी हो गईं, जब कॉलेज कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया और हिजाब उतारने को कहा लेकिन छात्राओं ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कॉलेज के मेन गेट पर ही जमा हो गए. इस विरोध की वजह से दूसरे दिन भी उनकी क्लास छूट गई.
18 से 20 साल के बीच के सभी छात्रों ने यह जानने की मांग की कि प्रशासन ने हिजाब पर प्रतिबंध क्यों लगाया जबकि नियम इसकी अनुमति देते हैं.
#WATCH | Students wearing hijab denied entry to Govt PU College in Kundapur area of Udupi, Karnataka amid a row on wearing the headscarf in classrooms
— ANI (@ANI) February 4, 2022
"They were not wearing the hijab earlier & this problem started only 20 days ago," State Education Minister BC Nagesh has said. pic.twitter.com/3pT418rb0y
कॉलेज की निर्देश पुस्तिका के मुताबिक, 'छात्राओं को परिसर के अंदर स्कार्फ पहनने की अनुमति है, हालांकि स्कार्फ का रंग दुपट्टे से मेल खाना चाहिए, और किसी भी छात्र को कैंटिन समेत कॉलेज परिसर के अंदर कोई अन्य कपड़ा पहनने की अनुमति नहीं है.
प्रिंसिपल नारायण शेट्टी का कहना है कि वह कैंपस में सद्भाव बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं. मुझे सरकार के सभी निर्देशों का पालन करना होगा. मुझे बताया गया था कि कुछ छात्र भगवा शॉल पहनकर कॉलेज में प्रवेश करेंगे, और अगर धर्म के नाम पर सद्भावना भंग होती है, तो प्रिंसिपल को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.'
करीब 40 मुस्लिम लड़के भी कॉलेज के बाहर बैठ गए और लड़कियों के समर्थन में विरोध किया.
शुक्रवार को कुंडापुर के एक अन्य कॉलेज में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब हिजाब पहने लड़कियों का एक समूह छह घंटे तक गेट के बाहर खड़ा रहा. लड़कियों ने शिकायत की है कि जूनियर पीयू गवर्नमेंट कॉलेज ने दो दिन पहले तक क्लास में हिजाब की अनुमति दी थी.
मामला तब बिगड़ा जब हिजाब के विरोध में लड़कों का एक बड़ा समूह बुधवार को भगवा शॉल पहने कॉलेज में दिखा. सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए, कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब के बिना कक्षाओं में शामिल होने के लिए कहा.
हिजाब का विरोध कुछ हफ़्ते पहले उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज में शुरू हुआ था, जब छह छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें हेडस्कार्फ़ पहनने पर कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया था.
राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा के एक नेता, यशपाल सुवर्णा, जो उडुपी कॉलेज प्रशासनिक समिति के उपाध्यक्ष हैं, ने विवादास्पद रूप से कहा कि उन्हें "हिंदू संगठनों की मदद से प्रतिरोध को रोकने में पांच मिनट लगेंगे".
उन्होंने चेताते हुए कहा था, 'हिंदू संगठनों के माध्यम से, हम इसे पांच मिनट के भीतर रोक सकते हैं. कॉलेज में लगभग 900 छात्र हैं. ये छह छात्र पीएफआई और सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) संगठनों के समर्थन से अराजकता पैदा कर रहे हैं. हम इस प्रतिरोध को निश्चित रूप से रोकेंगे. और हम हिंदू संगठनों के माध्यम से इसे रोकने के बारे में निर्णय लेंगे.'
Today, THEY will ask permission to attend school wearing Hijab.
— C T Ravi ???????? ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) February 4, 2022
Tomorrow, THEY will demand Sharia Law.
ONE SCHOOL, ONE UNIFORM.
If you are not following the school rules, stop going to school.
Schools are not your personal space that you can wear whatever you want.
भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता सीटी रवि ने कहा कि छात्रों को नियमों का पालन करना चाहिए या दूर रहना चाहिए.
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि बच्चों को स्कूल में "न तो हिजाब पहनना चाहिए और न ही भगवा शॉल". ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "स्कूल वह जगह है जहां सभी धर्मों के बच्चों को एक साथ सीखना चाहिए और इस भावना को आत्मसात करना चाहिए कि हम अलग नहीं हैं और सभी भारत माता के बच्चे हैं."
उन्होंने कहा, "ऐसे धार्मिक संगठन हैं जो अन्यथा सोचते हैं, मैंने पुलिस से उन पर नजर रखने को कहा है. जो लोग इस देश की एकता में बाधा डालते हैं या कमजोर करते हैं, उनसे निपटा जाना चाहिए."
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