यह ख़बर 24 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन की ओर नहीं जाना चाहिए था : शिंदे

खास बातें

  • दिल्ली में गैंगरेप की घटना पर इंडिया गेट और विजय चौक पर युवाओं के जोरदार विरोध प्रदर्शन के तीन दिन बाद देश के गृहमंत्री ने इस पूरी घटना पर एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन जायज है लेकिन राष्ट्रपति भवन की ओर कूच करना ग
नई दिल्ली:

दिल्ली में गैंगरेप की घटना पर इंडिया गेट और विजय चौक पर युवाओं के जोरदार विरोध प्रदर्शन के तीन दिन बाद देश के गृहमंत्री ने इस पूरी घटना पर एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन जायज है लेकिन राष्ट्रपति भवन की ओर कूच करना गलत था।

शिंदे ने कहा कि शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करना देश के हर नागरिक का अधिकार है। लेकिन रविवार को प्रदर्शन उग्र हो गया था और लोग राष्ट्रपति भवन की ओर जाने लगे थे। लोगों ने तमाम बैरिकेड को तोड़ दिया था।

पुलिस की कार्रवाई को उचित बताते हुए शिंदे ने कहा कि राष्ट्रपति भवन के पास जाने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था।

इसी के साथ उनका कहना था कि इंडिया गेट पर पुलिस की सख्ती पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

बेगुनाहों पर पुलिस के लाठीचार्ज पर उनका कहना था कि भीड़ के बीच एक गुंडे और शांत प्रदर्शनकारी में अंतर करना एक पुलिसवाले के लिए आसान नहीं होता।

इस पूरे मसले पर दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से संपर्क साधने की बात भी गृहमंत्री ने कही और बताया कि उन्हें अमेरिका के दौरे से वापस आने को भी कहा।

वीआईपी की सुरक्षा में कमी करने की बात पर शिंदे ने कहा कि मामले पर गौर किया जा रहा है। संसद के विशेष सत्र की मांग को खारिज करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि यह जरूरी नहीं है।

पुलिस कमिश्नर को हटाने की दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मांग पर गृहमंत्री ने कहा कि वह अभी इसकी जरूरत नहीं समझते हैं।

महिलाओं से छेड़छाड़ और बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर रोकथाम के लिए देश के तमाम राज्यों के पुलिस प्रमुखों को दिल्ली बुलाए जाने की बात भी शिंदे ने बताई।

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25 दिसंबर को क्रिसमस के त्यौहार के मौके पर राजधानी के तमाम मेट्रो के खुले रहे और लोगों की आवाजाही को बेरोकटोक रखने की बात भी शिंदे ने कही।