मधेपुरा:
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए सत्तारूढ़ जेडीयू के अभियान के तहत अधिकार यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में अनुबंधित शिक्षकों ने मधेपुरा में उनकी ओर चप्पल फेंकी।
भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच मधेपुरा के बीएन मंडल स्टेडियम में सभा करने पहुंचे नीतीश कुमार का जब माला पहनाकर मंच पर स्वागत हो रहा था, तभी दर्शक दीर्घा से विरोध व्यक्त करते हुए अनुबंधित शिक्षकों ने उनकी उनकी ओर चप्पल उछाल दिए। मंच से काफी दूर चप्पल सुरक्षित घेरे (डी एरिया) में गिर गए। सुरक्षाकर्मियों ने जब उन लोगों को खदेड़ा तो विरोध व्यक्त करने वाले दर्शकदीर्घा में घुसकर शांत हो गए। बाद में सभा शांतिपूर्वक संपन्न हुई।
खगड़िया में उपद्रव और बेगूसराय में भारी हंगामे के बाद मधेपुरा में नीतीश कुमार की सभा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे 23 शिक्षकों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लेकर मधेपुरा थाना भेज दिया गया। मधेपुरा के पुलिस उपाधीक्षक एचएस त्रिवेदी ने शिक्षकों को हिरासत में लेकर उन लोगों को थाने भेज दिया।
नीतीश ने यहां सभा में कहा, हम विशेष राज्य की मांग को लेकर अभियान चला रहे हैं, तो विपक्ष को लगता है कि उसके पास कुछ मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए विपक्ष लोगों को विरोध करने के लिए उकसा रहा है। इससे उसे कुछ हासिल होने वाला नहीं है। जनता सबको पहचानती है।
उन्होंने कहा, हम इस प्रकार की घटनाओं से डरने वाले नहीं है। कोई हमें मार भी देगा, तो कोई फर्क नहीं पडता है। मेरा कोई परिवार भी नहीं है। बिहार के साढ़े 10 करोड़ लोग मेरे परिवार हैं। नीतीश कुमार ने बीते 19 सितंबर से अधिकार यात्रा अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उददेश्य बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को जागरुक करना है। लोगों को 4 नवंबर में पटना में होने वाली रैली के लिए निमंत्रण भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने 19 सितंबर को बेतिया (पश्चिम चंपारण) से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके बाद कई बार हंगामे हो चुके हैं। बेतिया, मोतिहारी, मधुबनी, दरभंगा, बेगूसराय, खगड़िया में भी प्रदर्शन हुए। दरभंगा और बेगूसराय में सभा के दौरान चप्पल दिखाए गए। मधेपुरा से पहले सहरसा जिले में मुख्यमंत्री की सभा शांतिपूर्ण तरीके से हुई। यहां भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।
कोसी के बाढ़ पीड़ितों को एहतियात के तौर पर सभास्थल पर जाने नहीं दिया गया। सहरसा की सभा में नीतीश ने खगड़िया और बेगूसराय में हिंसा और तोड़फोड़ के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। नीतीश ने कहा, ईंट-पत्थर फेंकने से कुछ नहीं होने वाला है। मुझे कुछ लोग सत्ता से हटाने की साजिश कर रहे हैं। उनके मंसूबे पूरे नहीं होने वाले हैं। मैं तो बिहार की साढ़े दस करोड जनता की हक के लिए यात्रा पर निकला हूं।
सहरसा और मधेपुरा दोनों स्थानों की सभाओं में नीतीश ने कहा, हम कोसी क्षेत्र को पहले से बेहतर बनाएंगे। केंद्र ने भले ही राहत और पुनर्वास के लिए इनकार कर दिया, लेकिन हमने कर्ज लेकर नया कोसी बनाने का काम शुरू किया है।
भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच मधेपुरा के बीएन मंडल स्टेडियम में सभा करने पहुंचे नीतीश कुमार का जब माला पहनाकर मंच पर स्वागत हो रहा था, तभी दर्शक दीर्घा से विरोध व्यक्त करते हुए अनुबंधित शिक्षकों ने उनकी उनकी ओर चप्पल उछाल दिए। मंच से काफी दूर चप्पल सुरक्षित घेरे (डी एरिया) में गिर गए। सुरक्षाकर्मियों ने जब उन लोगों को खदेड़ा तो विरोध व्यक्त करने वाले दर्शकदीर्घा में घुसकर शांत हो गए। बाद में सभा शांतिपूर्वक संपन्न हुई।
खगड़िया में उपद्रव और बेगूसराय में भारी हंगामे के बाद मधेपुरा में नीतीश कुमार की सभा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे 23 शिक्षकों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लेकर मधेपुरा थाना भेज दिया गया। मधेपुरा के पुलिस उपाधीक्षक एचएस त्रिवेदी ने शिक्षकों को हिरासत में लेकर उन लोगों को थाने भेज दिया।
नीतीश ने यहां सभा में कहा, हम विशेष राज्य की मांग को लेकर अभियान चला रहे हैं, तो विपक्ष को लगता है कि उसके पास कुछ मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए विपक्ष लोगों को विरोध करने के लिए उकसा रहा है। इससे उसे कुछ हासिल होने वाला नहीं है। जनता सबको पहचानती है।
उन्होंने कहा, हम इस प्रकार की घटनाओं से डरने वाले नहीं है। कोई हमें मार भी देगा, तो कोई फर्क नहीं पडता है। मेरा कोई परिवार भी नहीं है। बिहार के साढ़े 10 करोड़ लोग मेरे परिवार हैं। नीतीश कुमार ने बीते 19 सितंबर से अधिकार यात्रा अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उददेश्य बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को जागरुक करना है। लोगों को 4 नवंबर में पटना में होने वाली रैली के लिए निमंत्रण भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने 19 सितंबर को बेतिया (पश्चिम चंपारण) से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके बाद कई बार हंगामे हो चुके हैं। बेतिया, मोतिहारी, मधुबनी, दरभंगा, बेगूसराय, खगड़िया में भी प्रदर्शन हुए। दरभंगा और बेगूसराय में सभा के दौरान चप्पल दिखाए गए। मधेपुरा से पहले सहरसा जिले में मुख्यमंत्री की सभा शांतिपूर्ण तरीके से हुई। यहां भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।
कोसी के बाढ़ पीड़ितों को एहतियात के तौर पर सभास्थल पर जाने नहीं दिया गया। सहरसा की सभा में नीतीश ने खगड़िया और बेगूसराय में हिंसा और तोड़फोड़ के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। नीतीश ने कहा, ईंट-पत्थर फेंकने से कुछ नहीं होने वाला है। मुझे कुछ लोग सत्ता से हटाने की साजिश कर रहे हैं। उनके मंसूबे पूरे नहीं होने वाले हैं। मैं तो बिहार की साढ़े दस करोड जनता की हक के लिए यात्रा पर निकला हूं।
सहरसा और मधेपुरा दोनों स्थानों की सभाओं में नीतीश ने कहा, हम कोसी क्षेत्र को पहले से बेहतर बनाएंगे। केंद्र ने भले ही राहत और पुनर्वास के लिए इनकार कर दिया, लेकिन हमने कर्ज लेकर नया कोसी बनाने का काम शुरू किया है।
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