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This Article is From Feb 09, 2020

उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी का हर कदम पहले BSP और बीजेपी के लिए बन रहा है बड़ी चुनौती?

वाराणसी में संत रविदास जन्मस्थली में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मत्था टेका और लंगर चखा.

उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी का हर कदम पहले BSP और बीजेपी के लिए बन रहा है बड़ी चुनौती?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविदास मंदिर में मत्था टेका
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
संत रविदास जन्मस्थली में प्रियंका गांधी
दलितों वोटरों पर है कांग्रेस की नजर
उत्तर प्रदेश की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश
वाराणसी:

वाराणसी में संत रविदास जन्मस्थली में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मत्था टेका और लंगर चखा. इसके बाद सभा पंडाल में पहुंच कर कहा कि कहा, 'आज  यहां आकर बहुत खुशी हुई. देश दुनिया के कोने कोने से आए लोगो का मैं स्वागत करती हूं... धन्यवाद करती हूं... सभी लोगों को जिन्होंने मेरा स्वागत किया. रविदास के दर पर मुझे मत्था टेकने का मौका दिया... मेरा सौभाग्य है...कबीर और रविदास ने सबको मिलकर रहना सिखाया, इंसान को किसी धर्म में बांटकर नहीं देखना चाहिए... उसमें सिर्फ इंसान दिखना चाहिए, रविदास जी इस सोच के अगुवा थे... यही सोच इस भारत की नींव है...  आज हम सबको उनकी बताई बातों पर अमल करने की जरूरत है.'

उत्तर प्रदेश की राजनीति में पांव जमाने की कोशिश में प्रियंका गांधी दिन रात मेहनत कर रही हैं. वो कभी सीएए प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए यूपी के कोने-कोने जाती हैं तो कभी किसानों और कानून व्यवस्था का मुद्दा उछालती हैं. इन सबके बीच प्रियंका गांधी की नजर उत्तर प्रदेश के दलितों पर टिकी है. रविदास मंदिर के कार्यक्रम में हिस्सा लेना इसी रणनीति का हिस्सा है. हाल के सालों में दलितों का बीएसपी से मोहभंग होता दिखा है. दलितों का एक बड़ा धड़ा अब मायावती के साथ नहीं है. लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में ये धड़ा बीजेपी के साथ दिखा. लेकिन जिस तरह से दलित एक्ट में संशोधन हुआ, उससे ये वर्ग बीजेपी को लेकर पशोपेश में है. प्रियंका गांधी की नजर इसी वर्ग पर टिकी है. कुछ महीने पूर्व सोनभद्र में दलितों के नरसंहार को लेकर प्रियंका गांधी ने जिस तरह के तेवर दिखाए उसे हर कोई देख चुका है. 

बीते कुछ सालों में रविदास मंदिर राजनीति का नया केंद्र बन गया है. 90 के दशक में इस मंदिर में सिर्फ बीएसपी नेताओं का ही आना जाना था, लेकिन 2014 के बाद से हालात बदल गए हैं. बीएसपी नेताओं के अलावा अब यहां राजनीति के बड़े चेहरे दिखाई पड़ते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ सरीखे नेता रविदास मंदिर में मत्था टेक चुके हैं. अब इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी नाम जुड़ गया है.

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