कोल्हापुर:
महाराष्ट्र के आराध्य दैवत कोल्हापुर स्थित देवी महालक्ष्मी के चरणों में मंगलवार को विशेष लड्डू रखे गए। यह लड्डू देवी का प्रसाद बने हैं। इन्हें कोल्हापुर जेल के कैदियों ने बनाया है। कैदियों से भगवान का प्रसाद बनाकर भक्तों में बांटने की योजना शायद ही कहीं और मौजूद हो।
महाराष्ट्र में जेल डीआईजी स्वाति साठे ने देवी को यह भोग अर्पण किया। इस समय जेल प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट के लोग मौजूद थे।
NDTV से बातचीत में स्वाति साठे ने बताया कि सरकारी प्रक्रिया के तहत यह काम जेल प्रशासन को मिला है। इस काम से कैदियों में समाज का हिस्सा होने की भावना पनपेगी, जिसका उनकी मानसिकता पर सकारात्मक असर होगा।
सरकारी योजना को अमल में लाने के लिए कोल्हापुर जेल में चोरी से लेकर खून के आरोपों में कैद लोग भगवान का प्रसाद बना रहे हैं। 25 साल से 50 साल तक की उम्र के 15 पुरुष और 15 महिला क़ैदी हर दिन 3 हजार मोतीचूर के लड्डू बनाएंगे। जेल इन लड्डुओं को बनाने के बाद जेल प्रशासन को सुपुर्द करेगा और फिर हर लड्डू 10 रुपए में भक्तों को प्रसाद के रूप में बेचा जाएगा। नवरात्र और अन्य उत्सव के मौके पर कोल्हापुर जेल प्रशासन अतिरिक्त कैदियों की मदद से लड्डू की अधिकतम मांग पूरी कर दिखाने का दावा कर रहा है।
इस योजना से न मंदिर ट्रस्ट इससे मुनाफ़ा नहीं कमा रहा है न सरकार। बावजूद इस मुहीम पर आपत्ति उठा रही है। सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक का मानना है कि इस से भक्तों पर तमोगुण का प्रभाव अधिक हो सकता है। NDTV इंडिया से बातचीत में वर्तक ने कहा कि कैदी से हुए अपराध के चलते उसमें मौजूद तमोगुण की अधिकता स्वयंस्पष्ट है। इसलिए सनातन इस प्रोजेक्ट का विरोध करता है। वे आगे पूछते हैं कि इस मुहीम की पैरवी करनेवाले क्या अपने घर में कैदियों के हाथ का बना टिफ़िन खाएंगे?
उधर, तमाम विरोधों के बावजूद जेल प्रशासन अपने फैसले पर कायम है। साथ ही भगवान का प्रसाद बनाने की जगह पर साफ़सफाई रखने का दावा भी कर रहा है। अपने दावे की पुष्टि के लिए देवी को भोग चढ़ाने से पहले उसे बनाने की जगह कुछ स्थानीय लोग और मिडिया के नुमाइंदों को भी दिखाई गई।
महाराष्ट्र में जेल डीआईजी स्वाति साठे ने देवी को यह भोग अर्पण किया। इस समय जेल प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट के लोग मौजूद थे।
NDTV से बातचीत में स्वाति साठे ने बताया कि सरकारी प्रक्रिया के तहत यह काम जेल प्रशासन को मिला है। इस काम से कैदियों में समाज का हिस्सा होने की भावना पनपेगी, जिसका उनकी मानसिकता पर सकारात्मक असर होगा।
सरकारी योजना को अमल में लाने के लिए कोल्हापुर जेल में चोरी से लेकर खून के आरोपों में कैद लोग भगवान का प्रसाद बना रहे हैं। 25 साल से 50 साल तक की उम्र के 15 पुरुष और 15 महिला क़ैदी हर दिन 3 हजार मोतीचूर के लड्डू बनाएंगे। जेल इन लड्डुओं को बनाने के बाद जेल प्रशासन को सुपुर्द करेगा और फिर हर लड्डू 10 रुपए में भक्तों को प्रसाद के रूप में बेचा जाएगा। नवरात्र और अन्य उत्सव के मौके पर कोल्हापुर जेल प्रशासन अतिरिक्त कैदियों की मदद से लड्डू की अधिकतम मांग पूरी कर दिखाने का दावा कर रहा है।
इस योजना से न मंदिर ट्रस्ट इससे मुनाफ़ा नहीं कमा रहा है न सरकार। बावजूद इस मुहीम पर आपत्ति उठा रही है। सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक का मानना है कि इस से भक्तों पर तमोगुण का प्रभाव अधिक हो सकता है। NDTV इंडिया से बातचीत में वर्तक ने कहा कि कैदी से हुए अपराध के चलते उसमें मौजूद तमोगुण की अधिकता स्वयंस्पष्ट है। इसलिए सनातन इस प्रोजेक्ट का विरोध करता है। वे आगे पूछते हैं कि इस मुहीम की पैरवी करनेवाले क्या अपने घर में कैदियों के हाथ का बना टिफ़िन खाएंगे?
उधर, तमाम विरोधों के बावजूद जेल प्रशासन अपने फैसले पर कायम है। साथ ही भगवान का प्रसाद बनाने की जगह पर साफ़सफाई रखने का दावा भी कर रहा है। अपने दावे की पुष्टि के लिए देवी को भोग चढ़ाने से पहले उसे बनाने की जगह कुछ स्थानीय लोग और मिडिया के नुमाइंदों को भी दिखाई गई।
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