संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के किसान विरोधी बयानों की निंदा की है. किसान नेताओं ने कहा, प्रधानमंत्री ने संसद में यह कहते हुए कि बिना मांग के इस देश में बहुत कानून बनाए गए हैं. इस बयान ने साबित कर दिया है कि ये कानून (Farm Laws) किसानों की मांग नहीं रही है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि किसानों की मांग कर्जा मुक्ति और फसल के पूरे दाम की रही है, जिस पर सरकार गंभीर नहीं है. किसान नेताओं ने कहा कि महापंचायतों का दौर लगातार जारी है. पंजाब के जगरांव में गुरुवार को विशाल सभा आयोजित की गई. इसमें किसानों के साथ-साथ अन्य नागरिकों ने भी बढ़ चढ़कर भागीदारी दिखाई. शंभू बॉर्डर पर भी किसानों ने पंचायत की.
सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर किसान नेताओं ने मंच से संबोधन करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे के आने वाले कार्यक्रमों को लागू करने को लेकर अपने विचार रखे. टीकरी मोर्चे पर हरियाणा सरकार द्वारा CCTV लगाने के प्रस्ताव का किसानों ने विरोध किया है. किसान मोर्चा ने कहा कि आने वाले समय मे देश भर में किसान महापंचायत आयोजित की जाएंगी.
#पूर्वीलद्दाख में #भारत और #चीन की सेनाओं के पीछे हटने का पहली बार वीडियो । pic.twitter.com/4OpJhdN6Qd
— Rajeev Ranjan (@Rajeevranjantv) February 11, 2021
संयुक्त किसान मोर्चे की टीमें राज्यवार महापंचायतों के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रही है. किसान मोर्चा तीन कानूनों को रद्द करने और MSP को कानूनी मान्यता देने की मांगों पर कायम है.आने वाले दिनों में मुरादाबाद, राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर में भी किसानों की महापंचायतें आयोजित की जाएंगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं