देशभर में हड़ताल पर गए ट्रक ऑपरेटर, बढ़ सकती हैं रोज़मर्रा के सामान की कीमतें (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ट्रक ऑपरेटरों ने जीएसटी, डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी तथा सड़कों पर फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सोमवार को दो-दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है. इस राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान ट्रक ऑपरेटरों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी या AIMTC) ने किया है.
पढ़ें : नोटबंदी के बाद जीएसटी की मार, चौपट हुआ धंधा, व्यापारियों में त्योहार को लेकर फीका पड़ा उत्साह
ट्रक मालिक तथा ऑपरेटर जीएसटी के तहत 'नुकसान पहुंचने वाली नीतियों' के खिलाफ हैं, तथा उनकी मांग है कि डीज़ल को भी जीएसटी के दायरे में ले आया जाए, इसलिए सोमवार सुबह 8 बजे से 36 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है.
AIMTC के अध्यक्ष एसके मित्तल ने हड़ताल शुरू होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा, "ट्रांसपोर्टरों ने सरकारी अधिकारियों के असंवेदनशील तथा क्रूर रवैये, जीएसटी, डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी तथा सड़कों पर फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से 9 तथा 10 अक्टूबर को 'चक्का जाम' कर विरोध जताने का फैसला किया है..."
ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था AIMTC देशभर में 93 लाख ट्रक वालों तथा लगभग 50 लाख बस व टूरिस्ट ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करती है. माना जा रहा है कि इस प्रतीकात्मक हड़ताल से भोज्य पदार्थों समेत रोज़मर्रा के उपभोग की वस्तुओं की आपूर्ति, यानी सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है.
ट्रांसपोर्टरों की एक अन्य संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए या AITWA) के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा है, "हड़ताल का आह्वान एआईएमटीसी ने किया है, और हम उसका समर्थन कर रहे हैं... सरकारी अधिकारी हमें जीएसटी के बारे में कुछ समझाते भी नहीं, और कोई सफाई भी नहीं देते... वे इसे बेहद जटिल बना रहे हैं..."
VIDEO-54 हजार पेट्रोल पंप डीलर हड़ताल पर रहेंगे 13 अक्टूबर को
कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार ने कहा, "डीज़ल तथा टोल (चुंगी) ट्रकों की ऑपरेटिंग लागत का 70 फीसदी हिस्सा हो जाता है... डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, ताकि देशभर में कीमत एक समान हो सके..."
पढ़ें : नोटबंदी के बाद जीएसटी की मार, चौपट हुआ धंधा, व्यापारियों में त्योहार को लेकर फीका पड़ा उत्साह
ट्रक मालिक तथा ऑपरेटर जीएसटी के तहत 'नुकसान पहुंचने वाली नीतियों' के खिलाफ हैं, तथा उनकी मांग है कि डीज़ल को भी जीएसटी के दायरे में ले आया जाए, इसलिए सोमवार सुबह 8 बजे से 36 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है.
AIMTC के अध्यक्ष एसके मित्तल ने हड़ताल शुरू होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा, "ट्रांसपोर्टरों ने सरकारी अधिकारियों के असंवेदनशील तथा क्रूर रवैये, जीएसटी, डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी तथा सड़कों पर फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से 9 तथा 10 अक्टूबर को 'चक्का जाम' कर विरोध जताने का फैसला किया है..."
ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था AIMTC देशभर में 93 लाख ट्रक वालों तथा लगभग 50 लाख बस व टूरिस्ट ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करती है. माना जा रहा है कि इस प्रतीकात्मक हड़ताल से भोज्य पदार्थों समेत रोज़मर्रा के उपभोग की वस्तुओं की आपूर्ति, यानी सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है.
ट्रांसपोर्टरों की एक अन्य संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए या AITWA) के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा है, "हड़ताल का आह्वान एआईएमटीसी ने किया है, और हम उसका समर्थन कर रहे हैं... सरकारी अधिकारी हमें जीएसटी के बारे में कुछ समझाते भी नहीं, और कोई सफाई भी नहीं देते... वे इसे बेहद जटिल बना रहे हैं..."
VIDEO-54 हजार पेट्रोल पंप डीलर हड़ताल पर रहेंगे 13 अक्टूबर को
कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार ने कहा, "डीज़ल तथा टोल (चुंगी) ट्रकों की ऑपरेटिंग लागत का 70 फीसदी हिस्सा हो जाता है... डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, ताकि देशभर में कीमत एक समान हो सके..."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं