नई दिल्ली:
अगले राष्ट्रपति को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। विभिन्न दलों के नेता अपने-अपने तरीके से उम्मीदवारों के नाम सुझा रहे हैं, लेकिन राजनीतिक दल अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सुझाया कि चूंकि प्रमुख राजनीतिक गुटों के पास अपने उम्मीदवार जिताने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है, लिहाजा किसी आम सहमति वाले उम्मीदवार को सामने लाया जाना चाहिए।
पवार के इस बयान के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मंगलवार को इस पद के लिए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम आगे बढ़ाया।
अंसारी के नाम का जिक्र अनौपचारिक रूप से कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी किया, लेकिन पार्टी ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर अभी औपचारिक चर्चा नहीं शुरू की है।
पवार की टिप्पणी के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम इस पद के लिए सम्भावित पसंद के रूप में तेजी के साथ उभरा। समाजवादी पार्टी के शाहिद सिद्दीकी ने यह कहकर इस कयास को और बल दे दिया कि यदि सहमति बनती है तो कलाम को लेकर उनकी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी।
पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने हालांकि मंगलवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है और उन्होंने सिद्दीकी की टिप्पणी को उनकी निजी राय बताया।
मुलायम ने कहा, "हम कुछ नहीं कह सकते.. अभी कोई बातचीत नहीं शुरू हुई है और इसमें इतनी जल्दी भी क्या है.. राष्ट्रपति चुनाव में अभी बहुत समय है।"
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी कुछ ऐसी ही बात की। उन्होंने कहा कि अभी इस पर टिप्पणी करना बहुत जल्दबाजी है।
मायावती ने कहा, "पहले उम्मीदवार तय होने दीजिए..देखिए कौन राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनता है, उसके बाद ही हम टिप्पणी कर सकते हैं।"
अंसारी और कलाम के नामों के अलावा जो नाम सम्भावित उम्मीदवार के रूप में हवा में तैर रहे हैं, उनमें केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री एके एंटनी, कांग्रेस सांसद कर्ण सिंह और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम शामिल हैं।
गैरराजनीतिक नामों में सैम पित्रोदा और इंफोसिस के एनआर नारायणमूर्ति के नाम चर्चा में हैं।
कांग्रेस नेताओं का कहना है बजट सत्र के बाद उम्मीदवार के चयन को लेकर गम्भीर चर्चा शुरू होने की सम्भावना है। कांग्रेस सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर औपचारिक चर्चा अभी शुरू नहीं हुई है।
चतुर्वेदी ने कहा, "हम एक उचित और प्रभावी राष्ट्रपति बनाना चाहेंगे। हम चाहेंगे कि किसी सही उम्मीदवार पर आमसहमति बने।" उन्होंने कहा कि सहयोगियों और सम्भवत: विपक्ष से भी इस मुद्दे पर बातचीत की जाएगी।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनौपचारिक बातचीत शुरू कर दी है, और पार्टी में यह राय बन रही है कि किसी सक्रिय कांग्रेसी को इस पद के लिए समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए।
भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर अनौपचारिक चर्चा शुरू हो गई है, लेकिन कोई टिप्पणी करना बहुत जल्दबाजी होगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सुझाया कि चूंकि प्रमुख राजनीतिक गुटों के पास अपने उम्मीदवार जिताने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है, लिहाजा किसी आम सहमति वाले उम्मीदवार को सामने लाया जाना चाहिए।
पवार के इस बयान के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मंगलवार को इस पद के लिए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम आगे बढ़ाया।
अंसारी के नाम का जिक्र अनौपचारिक रूप से कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी किया, लेकिन पार्टी ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर अभी औपचारिक चर्चा नहीं शुरू की है।
पवार की टिप्पणी के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम इस पद के लिए सम्भावित पसंद के रूप में तेजी के साथ उभरा। समाजवादी पार्टी के शाहिद सिद्दीकी ने यह कहकर इस कयास को और बल दे दिया कि यदि सहमति बनती है तो कलाम को लेकर उनकी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी।
पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने हालांकि मंगलवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है और उन्होंने सिद्दीकी की टिप्पणी को उनकी निजी राय बताया।
मुलायम ने कहा, "हम कुछ नहीं कह सकते.. अभी कोई बातचीत नहीं शुरू हुई है और इसमें इतनी जल्दी भी क्या है.. राष्ट्रपति चुनाव में अभी बहुत समय है।"
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी कुछ ऐसी ही बात की। उन्होंने कहा कि अभी इस पर टिप्पणी करना बहुत जल्दबाजी है।
मायावती ने कहा, "पहले उम्मीदवार तय होने दीजिए..देखिए कौन राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनता है, उसके बाद ही हम टिप्पणी कर सकते हैं।"
अंसारी और कलाम के नामों के अलावा जो नाम सम्भावित उम्मीदवार के रूप में हवा में तैर रहे हैं, उनमें केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री एके एंटनी, कांग्रेस सांसद कर्ण सिंह और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम शामिल हैं।
गैरराजनीतिक नामों में सैम पित्रोदा और इंफोसिस के एनआर नारायणमूर्ति के नाम चर्चा में हैं।
कांग्रेस नेताओं का कहना है बजट सत्र के बाद उम्मीदवार के चयन को लेकर गम्भीर चर्चा शुरू होने की सम्भावना है। कांग्रेस सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर औपचारिक चर्चा अभी शुरू नहीं हुई है।
चतुर्वेदी ने कहा, "हम एक उचित और प्रभावी राष्ट्रपति बनाना चाहेंगे। हम चाहेंगे कि किसी सही उम्मीदवार पर आमसहमति बने।" उन्होंने कहा कि सहयोगियों और सम्भवत: विपक्ष से भी इस मुद्दे पर बातचीत की जाएगी।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनौपचारिक बातचीत शुरू कर दी है, और पार्टी में यह राय बन रही है कि किसी सक्रिय कांग्रेसी को इस पद के लिए समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए।
भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर अनौपचारिक चर्चा शुरू हो गई है, लेकिन कोई टिप्पणी करना बहुत जल्दबाजी होगी।
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