कर्नाटक में टीकाकरण (Karnataka Vaccination) के पहले दौर में सुस्त रफ्तार के बीच दूसरे चरण की वैक्सीनेशन की तैयारी शुरू हो गई है. वैक्सीन की दूसरी डोज उन स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाएगी,जिन्होंने पहले चरण में टीका लिया था. हालांकि अगर सब ठीक ठाक रहा तो टीकाकरण के पहले दौर में छूट गए लोगों के लिए वैक्सीनेशन दोबारा शुरू होगा. कर्नाटक में 58 फीसदी ऐसे स्वास्थ्यकर्मी हैं जिनका टीकाकरण नही हो सका है.
कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूध और बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर कमल पंत हौसला अफज़ाई करते कहा कि तमाम लोगों ने वैक्सीन ली है और सब सुरक्षित हैं. कर्नाटक सरकार के मंत्री भी अपील कर रहे हैं क्योंकि अफवाहों और डर की वजह से सिर्फ 41.7 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों ने ही पहले दौर में वैक्सीन ली है.
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ सी अश्वतनारायन ने कहा कि देसी वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में इसकी मांग है. ये संजीवनी है, सभी को आगे आकर वैक्सीन लेनी चाहिए.कर्नाटक में दूसरे दौर के टीकाकरण की शुरुआत से पहले हुए सर्वे से पता चला कि अब तक सिर्फ 42 फीसदी टीकाकरण ही हो पाया है, यानी 10 लाख 8 हज़ार 6 सौ 12 पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों में से सिर्फ 4 लाख 41 हज़ार 6 सौ 12 लोगों ने टीके लिए हैं.
संतोष हॉस्पिटल के डॉ संतोष सकलेचा ने कहा कि मीडिया में बार-बार दिखाया गया कि वैक्सीन लगने से कई तरह की परेशानियां लोगों को हो रही हैं. इससे डर का माहौल बना और दूसरी वजह यह है कि यह स्वैच्छिक है यानी जो लेना चाहे ले जो ना लेना चाहे ना ले, ऐसे में भी लोगों ने वैक्सीन नहीं लिया
हालांकि टीके से जुड़ी अफवाह तमाम कोशिशों के बावजूद थमने का नाम नही ले रही है. वैक्सीन लेने में रुकावट की सबसे बड़ी वजह ये है. हालांकि उमीद की जा रही है कि दूसरे दौर के टीकाकरण के बाद सब ठीकठाक रहा तो हालात बेहतर होंगे और स्वास्थ्यकर्मियों का भरोसा बढ़ेगा.
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