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This Article is From Dec 30, 2019

क्या प्रशांत किशोर ने एक बयान देकर BJP नेताओं की दुखती रग पर हाथ रख दिया?

जनता दल यूनाइटेड के नेता और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने एक बयान से बिहार एनडीए में राजनीतिक बयानबाज़ी का दौर शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर ने रविवार को पटना में कहा कि अगले वर्ष होने वाले बिहार विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा को जनता दल यूनाइटेड को 2009 लोक सभा और 2010 विधान सभा चुनाव की तरह बड़े भाई की तरह ज़्यादा सीटें चाहिए.  

क्या प्रशांत किशोर ने एक बयान देकर BJP नेताओं की दुखती रग पर हाथ रख दिया?
पटना:

जनता दल यूनाइटेड के नेता और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने एक बयान से बिहार एनडीए में राजनीतिक बयानबाज़ी का दौर शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर ने रविवार को पटना में कहा कि अगले वर्ष होने वाले बिहार विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा को जनता दल यूनाइटेड को 2009 लोक सभा और 2010 विधान सभा चुनाव की तरह बड़े भाई की तरह ज़्यादा सीटें चाहिए.  ये अभी साफ़ नहीं हैं कि प्रशांत किशोर के इस बयान को मुख्य मंत्री नीतीश कुमार की सहमति हैं या नहीं. हालांकि जेडीयू नेताओं का कहना है कि जो प्रशांत किशोर बोल रहे हैं वहीं नीतीश कुमार की भी भावना है. लेकिन प्रशांत किशोर के इस बयान से बिहार बीजेपी के नेता इससे तिलमिलाये हुए हैं. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जयसवाल का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड को बताना होगा कि प्रशांत किशोर का बयान क्या पार्टी का अधिकारिक बयान है. संजय के अनुसार सीटों का बंटवारा पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व करता है और जब गठबंधन है तो पार्टियों का नेतृत्व ये उचित समय पर तय कर लेगा.  

लेकिन बिहार भाजपा के नेता कहते हैं कि जैसा लोकसभा चुनाव में हुआ कि जनता दल यूनाइटेड के दो सांसद रहने के बावजूद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने नीतीश कुमार का सम्मान रखते हुए बराबरी बराबरी के सीटों पर चुनाव लड़ा. इसलिए विधानसभा में जनता दल यूनाइटेड से कम सीट रहने के बाद हमारी उम्मीद है कि नीतीश कुमार इस भावना का कद्र करेंगे. लेकिन जनता दल यूनाइटेड के नेता कहते हैं कि इस बात में कोई संदेह नहीं कि हमारी पार्टी बीजेपी और लोक जनशक्ति के साथ ही विधानसभा चुनाव में जायेगी और  बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगा दी है. लेकिन जनता दल यूनाइटेड का अनुभव रहा हैं  कि वो चाहे आरजेडी के साथ तालमेल हो या बीजेपी के साथ, कोर वोट ट्रांसफर हो जाता है और उनका सभी सीटों पर वोट ट्रांसफर ना होने से हमारे स्ट्राइक रेट पर इसका असर होता है जिसका परिणाम पर साफ़ असर देखा जा सकता है. 

फ़िलहाल बीजेपी के नेता भी मान कर चल रहे हैं झारखंड के चुनाव परिणाम और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को लेकर बने माहौल को देखते हुए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नीतीश कुमार के अधिक सीटों की माँग को शायद नज़रंदाज नहीं करेगा. लेकिन दिक्कत है प्रशांत किशोर ने ये मांग कर जनता दल यूनाइटेड के नेताओ की भी मुश्किल बढ़ा दी हैं क्योंकि कोई नहीं कह सकता कि उन्हें अधिक सीटें नहीं चाहिए. 
 

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