मध्य और पूर्वी दिल्ली में शनिवार से दिन भर के लिए बिजली कटौती की चेतावनी को भले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली वितरण कंपनियों की ब्लैकमेलिंग करार दिया हो, लेकिन बिजली कंपनियां मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी से बेपरवाह ही नजर आ रही है।
दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली तीन निजी कंपनियों पर अपने बही खातों में गड़बड़ी कर फर्जी घाटा दिखाने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने इस कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी थी।
लेकिन, मुख्यमंत्री की इस चेतावनी से बेपरवाह दिल्ली विद्युत नियामकीय आयोग (डीईआरसी) ने राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दरें आज 8 फीसद तक बढ़ा दी। बिजली की बढ़ी हुई दरें कल से प्रभावी हो जाएंगी।
डीईआरसी के चेयरमैन पीडी सुधाकर ने बताया कि ईंधन लागत समायोजन से अधिभार में बढ़ोतरी हुई है, जो बीएसईएस यमुना पावर के लिए 8 फीसदी, बीएसईएस राजधानी के लिए 6 फीसदी और टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के लिए 7 फीसदी है।
सुधाकर ने कहा, 'यह एक अधिभार है। हमने बिजली वितरण कंपनियों की बिजली खरीद लागत समायोजित करने के लिए यह निर्णय किया है।' डीईआरसी तीन महीने बाद ईंधन अधिभार के रूप में इस वृद्धि की समीक्षा करेगा।
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी बीएसईएस यमुना ने पैसे की कमी का हवाला देते हुए शनिवार से 10 घंटे की कटौती की बात कही है। कंपनी ने दिल्ली सरकार को चिट्ठी भेजकर कहा कि बिजली की दरें काफी कम होने से उसके पास बिजली खरीदने तक के पैसे नहीं हैं।
इस समय दिल्ली में वितरण का काम टाटा समूह और अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के पास है। अनिल अबानी के नेतृत्ववाली रिलायंस इंफ्रा के सहयोग से चलने वाली बीएसईएस ने दिल्ली सरकार को आगाह किया है कि धन की कमी के मद्देनजर वह शनिवार से आठ से 10 घंटे की बिजली कटौती कर सकती है।
(इनपुट भाषा से भी)
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