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This Article is From Mar 21, 2015

पश्चिम बंगाल : कर्ज के बोझ तले दबे आलू किसान, अब तक चार कर चुके हैं खुदकुशी

पश्चिम बंगाल : कर्ज के बोझ तले दबे आलू किसान, अब तक चार कर चुके हैं खुदकुशी
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में आलू किसानों की खराब आर्थिक हालत को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। भारी नुकसान झेल रहे आलू किसान अब सड़क पर उतर आए हैं।

पिछले साल पश्चिम बंगाल में 85 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था, जो इस साल बढ़कर 120 लाख टन पहुंच गया है, यानी पिछले एक साल में 35 लाख टन आलू के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। इसका नतीजा यह हुआ है कि राज्य के कुछ हिस्सों में आलू 2 से 3 रुपये किलो तक बिक रहा है और आलू किसान आर्थिक संकट से घिरते जा रहे हैं।

खबर है कि शनिवार को बर्दवान ज़िले में आलू किसान अतुल प्रसाद ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। अतुल प्रसाद के परिवार के मुताबिक स्थानीय साहूकार उन पर कर्ज़ लौटाने का दबाव डाल रहा था। पिछले दो हफ्ते में राज्य में आलू किसान की यह चौथी आत्महत्या की खबर है।

शुक्रवार को ही बर्दवान के सासांगा गांव के एक आलू किसान रतन सार की ज़हर खाने से मौत हो गई। खबर है कि उसने आलू की खेती के लिए 40,000 का कर्ज़ लिया था और कर्ज़ वापस ना कर पाने की वजह से बेहद तनाव में था। वहीं बांकुरा के आलू किसान अरुण धारा ने भी कर्ज़ चुकाने में नाकामी से परेशान होकर फांसी लगा ली।

पिछले दो हफ्तों में चार आलू किसानों की आत्महत्या से साफ है कि राज्य में संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। अगर हालत पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो इससे निपटना पश्चिम बंगाल सरकार के लिए एक मुश्किल चुनौती साबित हो सकता है।

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