डेटा लीक पर कांग्रेस और बीजेपी भिड़ीं, दोनों ओर से आरोपों की बौछार

कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे के ऐप पर विदेशियों को डेटा लीक करने का आरोप लगाया, आईटी कानून के जानकारों के मुतबिक भारत में डेटा चोरी आसान क्योंकि यहां इसके ख़िलाफ़ कोई क़ानून ही नहीं

डेटा लीक पर कांग्रेस और बीजेपी भिड़ीं, दोनों ओर से आरोपों की बौछार

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • कांग्रेस ने अपना ऐप WithINC बंद कर दिया
  • राहुल गांधी एक के बाद एक ट्वीट करते रहे
  • सिंघवी ने कहा- निजता पर वार, अबकी बार डेटा लीक सरकार
नई दिल्ली:

डेटा लीक को लेकर कांग्रेस और बीजेपी लगातार भिड़ी हुई हैं. फेसबुक का झगड़ा उनके अपने-अपने ऐप तक पहुंच गया है. दोनों ने एक-दूसरे के ऐप पर विदेशियों को डेटा लीक करने का आरोप लगाया. इधर कांग्रेस ने अपना ऐप बंद भी कर दिया.

रविवार से राहुल गांधी एक के बाद एक ट्वीट करते रहे. पहले नमो ऐप पर डेटा लीक का आरोप लगाया और फिर प्रधानमंत्री पर निजी डेटा बेस बनाने का. सोमवार को अपने ट्वीट में उन्होंने कहा "मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी हैसियत का इस्तेमाल कर सरकार द्वारा जिस नमो ऐप को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसके मार्फ़त लाखों भारतीयों के डेटा से अपना निजी डेटा बेस तैयार कर रहे हैं. अगर प्रधानमंत्री के तौर पर वे तकनीक का इस्तेमाल कर भारत से जुड़ना चाहते हैं तो कोई समस्या नहीं है. लेकिन इसके लिए आधिकारिक पीएमओ ऐप का इस्तेमाल करें. ये डेटा भारत का है, मोदी का नहीं."

कांग्रेस ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर हमला बोला. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा, "मोदी जी कह रहे हैं निजता पर वार अबकी बार डेटा लीक सरकार. लीक निजता पर भी हो रही है...सरकार का ऐप 14 बिंदुओं को मांगता है जबकि नमो ऐप 22 बिंदुओं को मांगता है."

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हालांकि सोमवार को कांग्रेस की मेंबरशिप वेबसाइट और ऐप हटा लिए जाने की ख़बर भी सुर्खियों में रही. कल तक राहुल के तकनीकी ज्ञान का मज़ाक बना रही बीजेपी ने सोमवार को इसे कांग्रेस की गलती का सबूत भी मान लिया. बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, "कांग्रेस का दांव उल्टा पड़ गया है. नमो ऐप पर प्रश्न उठाया ट्वीट कर ...जब सारे जवाब आ गए तो ये पता पड़ गया कांग्रेस की ऐप के माध्यम से भारतीयों का डेटा सिंगापुर के सर्वर में स्टोर हो रहा है. फिर उन्होंने अपना ऐप हटा लिया."

हालांकि कांग्रेस ने अलग सफ़ाई दी. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा, "WithINC एक एप था. इसको सिर्फ 15,000 बार डाउनलोड किया गया. हमने स्टडी करने के बाद पाया कि कांग्रेस में लोग डायरेक्ट मेंमबरशिप ज़्यादा पसंद करते हैं. बीजेपी का आरोप ध्यान बंटाने की कोशिश है."

आईटी कानून के जानकार कहते हैं कि भारत में डेटा चोरी इसलिए भी आसान है कि यहां इसके ख़िलाफ़ कोई क़ानून ही नहीं है.आईटी कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल कहते हैं, "भारत के पास कोई डेटा प्रोटेक्शन कानून नहीं है. न ही निजता के संरक्षण के लिए कानून है. ऐप सर्विस प्रोवाइडर्स को नियंत्रित करने के लिए देश में कोई कानूनी प्रावधान नहीं है. देश को एक डेटा प्रोटेक्शन कानून की सख्त ज़रूरत है."

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इस टकराव में एक बात साफ़ है कि 2019 की चुनावी लड़ाई जितनी मैदान में होगी, उतनी ही साइबर आसमान पर भी. सवाल बस इतना है कि इस लीक-लड़ाई में आम आदमी की गोपनीयता पर चोट न हो.


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