पटना:
बिहार की बारहवीं कक्षा में आर्ट्स संकाय में टॉप करने वाली 17 साल की रूबी राय ने कैमरे के सामने यह कहकर चौंका दिया कि राजनीति विज्ञान खाना पकाना सिखाता है। गौरतलब है कि इसी विषय पर रूबी ने बहुत ही अच्छे अंक हासिल किए हैं। एक अन्य छात्र जो विज्ञान का टॉपर है, वह इस मामूली सवाल का जवाब ही नहीं दे पाया कि पानी और एचटूओ में क्या संबंध है। पिछले हफ्ते ही परीक्षा परीणाम आने के बाद छात्रों से एक स्थानीय चैनल ने इंटरव्यू के दौरान ये सवाल पूछे थे।
शर्मिंदगी में सरकार को कहना पड़ा कि लगभग 15 लाख छात्रों में से पहले 10 की अगले सप्ताह फिर से परीक्षा ली जाएगी। शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने माना कि ऐसा लगता है कि या तो किसी और ने इन छात्रों की जगह परीक्षा दी है या फिर इनकी उत्तरपुस्तिका जमा होने के बाद बदल दी गई है। वैसे तो टॉपर्स राज्य के अलग-अलग हिस्से से हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश राजधानी पटना से मात्र 20 किमी दूर हाजीपुर के वीएन राय कॉलेज के ही छात्र हैं, इसलिए इसमें नकल का मामला होने की संभावना ज्यादा है।
प्रदेश में सक्रिय है शिक्षा माफिया
मंत्री का इन बातों को स्वीकार करना साफतौर पर इस बात का इशारा है कि प्रदेश में शिक्षा माफिया किस तरह से संगठित हो कर काम कर रहा है, जिसमें एडमिशन से लेकर परीक्षा दिलवाने में सहयोग तक शामिल है।
पिछले साल ही दसवीं कक्षा की परीक्षा के दौरान नकल पहुंचाने के लिए परीक्षा केंद्रों की दीवारों पर कुछ वयस्क चढ़ते नजर आए थे जो एक अंतरराष्ट्रीय खबर बन गई थी। इसी के बाद राज्य में नकल करवाने वाले वयस्कों पर नए जुर्माने के साथ छह साल की जेल का प्रावधान लाया गया था।
शर्मिंदगी में सरकार को कहना पड़ा कि लगभग 15 लाख छात्रों में से पहले 10 की अगले सप्ताह फिर से परीक्षा ली जाएगी। शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने माना कि ऐसा लगता है कि या तो किसी और ने इन छात्रों की जगह परीक्षा दी है या फिर इनकी उत्तरपुस्तिका जमा होने के बाद बदल दी गई है। वैसे तो टॉपर्स राज्य के अलग-अलग हिस्से से हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश राजधानी पटना से मात्र 20 किमी दूर हाजीपुर के वीएन राय कॉलेज के ही छात्र हैं, इसलिए इसमें नकल का मामला होने की संभावना ज्यादा है।
प्रदेश में सक्रिय है शिक्षा माफिया
मंत्री का इन बातों को स्वीकार करना साफतौर पर इस बात का इशारा है कि प्रदेश में शिक्षा माफिया किस तरह से संगठित हो कर काम कर रहा है, जिसमें एडमिशन से लेकर परीक्षा दिलवाने में सहयोग तक शामिल है।
पिछले साल ही दसवीं कक्षा की परीक्षा के दौरान नकल पहुंचाने के लिए परीक्षा केंद्रों की दीवारों पर कुछ वयस्क चढ़ते नजर आए थे जो एक अंतरराष्ट्रीय खबर बन गई थी। इसी के बाद राज्य में नकल करवाने वाले वयस्कों पर नए जुर्माने के साथ छह साल की जेल का प्रावधान लाया गया था।