आगरा में जूते की दुकान में कैदी और पुलिसवाले
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस के एक उप-निरीक्षक समेत छह कर्मी एक विचाराधीन कैदी को आगरा में अदालत की सुनवाई के बाद खरीददारी कराने ले गए, इस कारण से उन्हें उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
इन छह कर्मियों की पहचान सहायक उप-निरीक्षक अश्विनी, हेड कांस्टेबल राजेश और कांस्टेबल संजय, कृष्ण, योगिंदर और पदम के रूप में हुई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह सभी दिल्ली सशस्त्र पुलिस की तीसरी बटालियन में तैनात थे। इनको दिल्ली की जेलों और दिल्ली से बाहर की अदालतों या अस्पतालों व अन्य स्थानों के बीच विचाराधीन कैदियों को ले जाने-लाने का काम सौंपा गया था।
पुलिस के अनुसार यह घटना 27 अगस्त की है जब गैंगस्टर मनोज बक्करवाला को एक अदालत में सुनवाई के लिए तिहाड़ से आगरा ले जाया गया था। वहां से दिल्ली रवाना होने से पहले मनोज ने जूते खरीदने की इच्छा जताई और इस पर सभी पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उसका साथ दिया।
जिसके यहां से इन्होंने जूते खरीदे उस दुकानदार ने यह बात अपने एक मीडिया के दोस्त को बता दी और सारी घटना कैमरे में कैद हो गई। सभी छह पुलिसकर्मियों को उसी दिन निलंबित कर दिया गया था।
इन छह कर्मियों की पहचान सहायक उप-निरीक्षक अश्विनी, हेड कांस्टेबल राजेश और कांस्टेबल संजय, कृष्ण, योगिंदर और पदम के रूप में हुई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह सभी दिल्ली सशस्त्र पुलिस की तीसरी बटालियन में तैनात थे। इनको दिल्ली की जेलों और दिल्ली से बाहर की अदालतों या अस्पतालों व अन्य स्थानों के बीच विचाराधीन कैदियों को ले जाने-लाने का काम सौंपा गया था।
पुलिस के अनुसार यह घटना 27 अगस्त की है जब गैंगस्टर मनोज बक्करवाला को एक अदालत में सुनवाई के लिए तिहाड़ से आगरा ले जाया गया था। वहां से दिल्ली रवाना होने से पहले मनोज ने जूते खरीदने की इच्छा जताई और इस पर सभी पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उसका साथ दिया।
जिसके यहां से इन्होंने जूते खरीदे उस दुकानदार ने यह बात अपने एक मीडिया के दोस्त को बता दी और सारी घटना कैमरे में कैद हो गई। सभी छह पुलिसकर्मियों को उसी दिन निलंबित कर दिया गया था।
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