आंध्र प्रदेश विभाजन के खिलाफ मध्य दिल्ली स्थित आंध्र भवन में पांच दिन से अनशन कर रहे तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को शुक्रवार को सैकड़ों समर्थकों के विरोध के बावजूद पुलिस अनशन स्थल से राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल ले गई।
आंध्र भवन परिसर में यह नाटकीय घटना उस समय शुरू हुई जब दिल्ली पुलिस के जवान बड़ी संख्या में अनशन स्थल पर पहुंचे जहां पूर्व मुख्यमंत्री नायडू आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य गठन के कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार से ही अनशन कर रहे थे।
नायडू को अनशन स्थल से हटाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के पहुंचने पर उनके समर्थकों ने अपने नेता के इर्दगिर्द घेराबंदी कर दी। गुस्साए नायडू समर्थकों ने नारेबाजी की और आंध्र भवन की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया।
राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल का एक एम्बुलेंस चिकित्सकों के एक दल के साथ सुबह से ही अनशन स्थल पर मौजूद था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने चंद्रबाबू नायडू को अनशन स्थल छोड़ने के लिए मनाने का प्रयास किया, वह जब मान गए तब उन्हें एम्बुलेंस में बिठाया गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चिकित्सकों के दल ने पुलिस और नायडू की पार्टी के सदस्यों से कहा कि अनशकारी तेदेपा नेता को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाना चाहिए।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिन के लगभग दो बजे पुलिस की दो कंपनियां अनशन स्थल पर पहुंचीं। नायडू समर्थकों ने पुलिस को रोकने का प्रयास किया लेकिन नायडू स्वयं एम्बुलेंस की ओर बढ़ गए।
अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में नायडू को व्हीलचेयर पर बैठने को कहा गया, लेकिन वह चलकर वार्ड में गए। फिलहाल उन्हें अस्पताल के नर्सिग होम में भर्ती किया गया है।
आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एचके कर ने कहा, "डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं, रिपोर्टों का इंतजार है।"
गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा था कि आंध्र भवन के अधिकारी यदि अदालत से आदेश लाएं, तब नायडू को अनशन स्थल से हटाने में दिल्ली पुलिस उनकी मदद कर सकती है। शुक्रवार को नायडू के अनशन का यह पांचवां दिन था।
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