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This Article is From Jun 12, 2019

पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद ने कहा, GDP पर अरविंद सुब्रमण्यन के आरोपों का बिंदुवार जवाब देंगे

पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन (Arvind Subramanian) के आरोपों को बुधवार को खारिज कर दिया.

पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद  ने कहा, GDP पर अरविंद सुब्रमण्यन के आरोपों का बिंदुवार जवाब देंगे
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन (Arvind Subramanian) .
नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन (Arvind Subramanian) के आरोपों को बुधवार को खारिज कर दिया. परिषद ने कहा कि वह जल्दी ही आरोपों का बिंदुवार उत्तर देगी. दरअसल, सुब्रमण्यन ने एक शोधपत्र में दावा किया था कि जीडीपी की गणना के तरीके में बदलाव के कारण 2011-12 से 2016-17 के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े को करीब 2.50 प्रतिशत बढ़ाकर दिखाया गया है. परिषद ने एक बयान में कहा कि वह सुब्रमण्यन के आकलन को विस्तार से देखेगी और बिंदुवार उत्तर लेकर सामने आएगी.  

क्या भारत की जीडीपी 4.5 प्रतिशत रही है, भारत ने ढाई प्रतिशत बढ़ा-चढ़ा कर बताया है?

परिषद ने कहा, ‘अभी के समय में उचित अकादमिक बहस के मुद्दे को सनसनी बनाने की किसी कोशिश में उलझना भारतीय सांख्यिकी प्रणाली की गुणवत्ता और स्वतंत्रता को बचाये रखने के लिये उचित नहीं है. इन सब से पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार भी अच्छे से परिचित हैं' उसने कहा, ‘निश्चित तौर पर डॉ. अरविंद सुब्रमण्यन ने इन मुद्दों को तब भी उठाया होगा जब वह मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर काम रहे थे. हालांकि उन्होंने खुद माना कि उन्होंने समझने के लिये समय लिया और अब भी वह संशय में हैं'. आपको बता दें कि अरविंद सुब्रमण्यन (Arvind Subramanian) के आरोपों को पहले भी सरकार ने खारिज किया था.  

वृद्धि दर के 2011-17 के आंकड़े 2.5 % बढ़ा-चढ़ाकर आंके गए : पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन

सरकार की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया कि देश के सकल आर्थिक वृद्धि दर अनुमान की गणना में उचित तरीके अपनाए गए. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि देश के आर्थिक विकास का अनुमान 'स्वीकृत प्रक्रियाओं, कार्यप्रणाली और उपलब्ध आंकड़ों' पर आधारित है. बता दें कि डॉ. सुब्रमण्यन ने कहा था कि , 'भारत ने 2011-12 से आगे की अवधि के जीडीपी के अनुमान के लिए आंकड़ों के स्रोतों और जीडीपी अनुमान की पद्धति बदल दी है. इससे आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान अच्छा-खासा ऊंचा हो गया.' जीडीपी की नई श्रृंखला के तहत देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर विवाद के बीच उनका यह बयान सामने आया था. 

VIDEO: 2011-12 से 2016-17 के बीच विकास दर 4.5% न कि 7% : अरविंद सुब्रह्मण्यन

(इनपुट: भाषा)

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