आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को बचाने में जुटा है। उन्होंने बताया कि पीएमओ से कुछ सामान्य किस्म की सूचनाएं मांगी थीं, लेकिन पीएमओ कोई भी सूचना नहीं देने के साथ ही इसे गैर-कानूनी, कानून का दुरुपयोग और आरटीआई एक्ट का बेजा इस्तेमाल भी बता रहा है।
उन्होंने कहा कि पीएमओ के मना करने पर उन्होंने केन्द्रीय सूचना आयोग से शिकायत की है, जिसपर सूचना आयोग ने पीएमओ से लिखित उत्तर मांगा। इस पर पीएमओ के उपसचिव एसई रिजवी ने 03 अप्रैल 2014 को भेजे 15 पन्नों के अपने उत्तर के साथ 48 पन्नों में कुल 18 संलग्नक भेजते हुए एक बार फिर सूचना देने से मना कर दिया है।
पीएमओ ने सूचना नहीं देने के लिए अरविंद केजरीवाल बनाम सीपीआईओ मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय का सहारा लेने के अलावा इसे व्यक्तिगत और वैश्वासिक नातेदारी में दी गई सूचना बताते हुए आरटीआई एक्ट तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की विभिन्न धाराओं का भी उल्लेख किया है और यह सूचना मांगने के लिए नूतन के खिलाफ खासी नाराजगी जाहिर की है।
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