पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम में हिस्सा लिया था.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक यह प्रयास किया है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय पटल पर सम्मान मिले और देश को वह स्थान मिले जिसका वह हकदार है. आज पीएम मोदी आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों या फिर उनके प्रतिनिधियों से मिलेंगे. तय कार्यक्रम के अनुसार वियतनाम के पीएम, कंंबोडिया के पीएम, फिलीपीन्स के राष्ट्रपति, म्यांमार की स्टेट काउंसलर, सिंगापुर के पीएम, थाईलैंड के पीएम, ब्रुनेेई के सुल्तान, मलेशिया के पीएम, लाओस और पीडीआर के पीएम दिल्ली में हैं.
यह भी पढ़ें : आसियान सम्मेलन से पहले भारत ने 'लुक ईस्ट' की पॉलिसी बदलकर 'एक्ट ईस्ट' की, 10 बातें
जानकारी के लिए बता दें कि ये सभी नेता शुक्रवार को गणतंत्र दिवस की परेड में बतौर अतिथि शामिल होंगे. इसलिए इस साल भारत का गणतंत्र दिवस समारोह बेहद खास होने जा रहा है. ऐसा पहली बार है जब इस समारोह में 10 देशों के प्रतिनिधियों निमंत्रण भेजा गया. ऐसा पहली बार है जब एक साथ 10 देशों को भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. अभी तक सिर्फ एक या दो ही राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया जाता रहा है. जिन 10 देशों को न्यौता भेजा गया है उनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं.
आइए जानें कौन-कौन से नेता भारत पहुंचे हैं.
1- थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा
थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के बाद दूसरे पीएम होंगे जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे.
2- म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की
म्यांमार की सर्वोच्च नेता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की को भी मुख्य अतिथि के तौर बुलाया गया है.
3- ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया
ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया को निमंत्रण भेजा गया है. इससे पहले वो 2012 में भारत आए थे. उस समय आसियान देशों का सम्मेलन था.
4- कंबोडिया के पीएम हुन सेन
कंबोडिया के पीएम हुन सेन भी आएंगे. उनसे पहले किंग नोरोडोम 1963 को भारत आए थे.
5- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो
इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष को तीसरी बार भारत के गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि बनने का मौका मिला है. उनसे पहले 1950 में राष्ट्रपति सुकर्णो और साल 2011 में राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो आए थे.
6- सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग को निमंत्रण मिला है. 1954 में पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग भी भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा ले चुके हैं.
7- मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक को भी 26 जनवरी को आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि होंगे.
8- वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक
वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक को भी भारत आने का न्यौता मिला है. चीन इससे चिढ़ सकता है क्योंकि उसे हमेशा से ही भारत और वियतनाम के संबंधों से दिक्कत रही है. 1989 में जनरल सेक्रेटरी न्गुयेन लिन्ह भी भारत आ चुके हैं.
9- लाओस के प्रधानमंत्री थॉन्गलौन सिसोलिथ
पहली बार लाओस के किसी प्रधानमंत्री को गणतंत्र दिवस में आने का न्यौता भेजा गया है.
10- फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते
फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते को निमंत्रण दिया गया है. वह भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने वाले पहले फिलीपींस के नेता होंगे.
यह भी पढ़ें : आसियान सम्मेलन से पहले भारत ने 'लुक ईस्ट' की पॉलिसी बदलकर 'एक्ट ईस्ट' की, 10 बातें
जानकारी के लिए बता दें कि ये सभी नेता शुक्रवार को गणतंत्र दिवस की परेड में बतौर अतिथि शामिल होंगे. इसलिए इस साल भारत का गणतंत्र दिवस समारोह बेहद खास होने जा रहा है. ऐसा पहली बार है जब इस समारोह में 10 देशों के प्रतिनिधियों निमंत्रण भेजा गया. ऐसा पहली बार है जब एक साथ 10 देशों को भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. अभी तक सिर्फ एक या दो ही राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया जाता रहा है. जिन 10 देशों को न्यौता भेजा गया है उनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं.
आइए जानें कौन-कौन से नेता भारत पहुंचे हैं.
1- थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा
थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के बाद दूसरे पीएम होंगे जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे.
2- म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की
म्यांमार की सर्वोच्च नेता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की को भी मुख्य अतिथि के तौर बुलाया गया है.
3- ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया
ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया को निमंत्रण भेजा गया है. इससे पहले वो 2012 में भारत आए थे. उस समय आसियान देशों का सम्मेलन था.
4- कंबोडिया के पीएम हुन सेन
कंबोडिया के पीएम हुन सेन भी आएंगे. उनसे पहले किंग नोरोडोम 1963 को भारत आए थे.
5- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो
इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष को तीसरी बार भारत के गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि बनने का मौका मिला है. उनसे पहले 1950 में राष्ट्रपति सुकर्णो और साल 2011 में राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो आए थे.
6- सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग को निमंत्रण मिला है. 1954 में पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग भी भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा ले चुके हैं.
7- मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक को भी 26 जनवरी को आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि होंगे.
8- वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक
वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक को भी भारत आने का न्यौता मिला है. चीन इससे चिढ़ सकता है क्योंकि उसे हमेशा से ही भारत और वियतनाम के संबंधों से दिक्कत रही है. 1989 में जनरल सेक्रेटरी न्गुयेन लिन्ह भी भारत आ चुके हैं.
9- लाओस के प्रधानमंत्री थॉन्गलौन सिसोलिथ
पहली बार लाओस के किसी प्रधानमंत्री को गणतंत्र दिवस में आने का न्यौता भेजा गया है.
10- फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते
फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते को निमंत्रण दिया गया है. वह भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने वाले पहले फिलीपींस के नेता होंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं