पीएम मोदी बोले, संघर्ष समाप्त करने के लिए एकमात्र रास्ता है बातचीत- फाइल फोटो
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विश्व भर में समुदायों को विभाजित करने और देशों तथा समाजों के बीच संघर्ष का बीज बोने वाली धार्मिक रूढ़िवादिता और पूर्वाग्रह को केवल बातचीत के जरिए ही समाप्त किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा, जब आपस में जुड़ा और एक दूसरे पर निर्भर 21वीं सदी का विश्व आतंकवाद से ले कर जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से जूझ रहा है, मुझे विश्वास है कि इनका हल वार्ता और चर्चा की एशिया की सबसे पुरानी परंपरा के जरिए ही निकलेगा.
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पीएम मोदी ने कहा कि वह ‘प्राचीन भारत की उस परंपरा की उपज हैं जो जटिल मुद्दे पर बातचीत में विश्वास रखती है.’ प्रधानमंत्री ने यांगून में हो रहे ‘संवाद-ग्लोबल इनीशिएटिव ऑन कॉन्फ्टिक अवॉयडेंस एंड इन्वायरमेंट कॉन्शियसनेस’ के दूसरे संस्करण के लिए वीडियो संदेश में यह बात कही.
वीडियो- प्रणब मुखर्जी के नाम पीएम मोदी की चिट्ठी
मोदी ने कहा कि प्राचीन भारत का ‘तर्क शास्त्र’ का सिद्धांत बातचीत और वादविवाद पर आधारित है जो कि संघर्ष से बचने और विचारों के आदान प्रदान का मॉडल है. उन्होंने भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध और भक्त प्रहलाद का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके प्रत्येक कर्म का उद्देश्य ‘धर्म’ को बनाए रखना था और इसी ने भारतीयों को प्राचीन से आधुनिक समय तक बनाए रखा है.
पीएम मोदी ने कहा, जब आपस में जुड़ा और एक दूसरे पर निर्भर 21वीं सदी का विश्व आतंकवाद से ले कर जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से जूझ रहा है, मुझे विश्वास है कि इनका हल वार्ता और चर्चा की एशिया की सबसे पुरानी परंपरा के जरिए ही निकलेगा.
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पीएम मोदी ने कहा कि वह ‘प्राचीन भारत की उस परंपरा की उपज हैं जो जटिल मुद्दे पर बातचीत में विश्वास रखती है.’ प्रधानमंत्री ने यांगून में हो रहे ‘संवाद-ग्लोबल इनीशिएटिव ऑन कॉन्फ्टिक अवॉयडेंस एंड इन्वायरमेंट कॉन्शियसनेस’ के दूसरे संस्करण के लिए वीडियो संदेश में यह बात कही.
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मोदी ने कहा कि प्राचीन भारत का ‘तर्क शास्त्र’ का सिद्धांत बातचीत और वादविवाद पर आधारित है जो कि संघर्ष से बचने और विचारों के आदान प्रदान का मॉडल है. उन्होंने भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध और भक्त प्रहलाद का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके प्रत्येक कर्म का उद्देश्य ‘धर्म’ को बनाए रखना था और इसी ने भारतीयों को प्राचीन से आधुनिक समय तक बनाए रखा है.
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