नई दिल्ली:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे निशाने पर लेते हुए उन पर आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने आतंकवाद का प्रसार करने वाले जिस पाकिस्तान को सबसे मिलकर दुनिया भर में अलग-थलग कर एक पिंजरे में डाल दिया था, उसे वर्तमान प्रधानमंत्री ने किसी से सलाह मशविरा किए बिना, अकेले ही उस पिंजरे से निकाल दिया।
राहुल ने कहा कि ऐसा करके मोदी ने न सिर्फ पाकिस्तान को एक सम्मान दिया, बल्कि राष्ट्र ध्वज का भी अपमान किया है।
लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पीएम मोदी पर ताबड़तोड़ प्रहार करते हुए कहा कि 'संप्रग ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया था। हमने उसकी प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नष्ट किया। दुनिया को यह विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान वैश्विक आंतकवाद का समर्थक है।'
उन्होंने कहा कि 'हमारे तब के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) ने सेना, राजनयिकों, खुफिया तथा अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञों और यहां तक कि विपक्ष को भी साथ लेकर पाकिस्तान को अलग-थलग करने का काम किया। लेकिन मोदी ने क्या किया? बिना सोचे समझे और बिना विजन के नवाज शरीफ के साथ चाय पर चर्चा करने चले गए।' राहुल ने आरोप लगाया कि 'यह कदम उठाने से पहले मोदी ने किसी से पूछना सही नहीं समझा। न सेना से, न कूटनीतिकों और राजनयिकों से और शायद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी नहीं। मानों की उन्हीं का विचार सब कुछ है।'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने अकेले ही हमारे प्रयासों को समाप्त कर दिया। हमने पाकिस्तान को जिस पिंजरे में डाल दिया था, उससे उन्होंने उसे निकाल दिया। ऐसा करके उसे सम्मान दिया और देश के ध्वज का अपमान किया।'
राहुल ने कहा कि 'प्रधानमंत्री के पास अभी भी विकल्प हैं कि वह इस मामले में (पाकिस्तान को पिंजरे से निकालने का मौका देने के बारे में) दूसरों के विचारों को भी सुनें। राजनाथ सिंह की सुनें, सुषमा स्वराज की सुनें, अपने सांसदों की सुनें और हमारी भी सुनें जो कि दुश्मन नहीं हैं।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
राहुल ने कहा कि ऐसा करके मोदी ने न सिर्फ पाकिस्तान को एक सम्मान दिया, बल्कि राष्ट्र ध्वज का भी अपमान किया है।
लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पीएम मोदी पर ताबड़तोड़ प्रहार करते हुए कहा कि 'संप्रग ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया था। हमने उसकी प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नष्ट किया। दुनिया को यह विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान वैश्विक आंतकवाद का समर्थक है।'
उन्होंने कहा कि 'हमारे तब के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) ने सेना, राजनयिकों, खुफिया तथा अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञों और यहां तक कि विपक्ष को भी साथ लेकर पाकिस्तान को अलग-थलग करने का काम किया। लेकिन मोदी ने क्या किया? बिना सोचे समझे और बिना विजन के नवाज शरीफ के साथ चाय पर चर्चा करने चले गए।' राहुल ने आरोप लगाया कि 'यह कदम उठाने से पहले मोदी ने किसी से पूछना सही नहीं समझा। न सेना से, न कूटनीतिकों और राजनयिकों से और शायद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी नहीं। मानों की उन्हीं का विचार सब कुछ है।'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने अकेले ही हमारे प्रयासों को समाप्त कर दिया। हमने पाकिस्तान को जिस पिंजरे में डाल दिया था, उससे उन्होंने उसे निकाल दिया। ऐसा करके उसे सम्मान दिया और देश के ध्वज का अपमान किया।'
राहुल ने कहा कि 'प्रधानमंत्री के पास अभी भी विकल्प हैं कि वह इस मामले में (पाकिस्तान को पिंजरे से निकालने का मौका देने के बारे में) दूसरों के विचारों को भी सुनें। राजनाथ सिंह की सुनें, सुषमा स्वराज की सुनें, अपने सांसदों की सुनें और हमारी भी सुनें जो कि दुश्मन नहीं हैं।'
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