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This Article is From Feb 13, 2018

पीएम मोदी की उज्ज्वला योजना की धज्जियां उड़ा रहे हैं डिस्ट्रिब्यूटर्स, तय कीमत से अधिक मांग रहे हैं पैसे

एनडीटीवी ने दिखाया था कि बाराबंकी के मसौली गांव में गरीब पिछड़े परिवारों के पास गैस सिलिंडर रिफिल करने के लिए पैसे नहीं हैं. मगर अब जाकर इस मामले पर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई है. 

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पीएम मोदी की उज्ज्वला योजना की धज्जियां उड़ा रहे हैं डिस्ट्रिब्यूटर्स, तय कीमत से अधिक मांग रहे हैं पैसे
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: इसी 8 फरवरी को एनडीटीवी इंडिया ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में गरीब महिलाओं को फ्री में गैस कनेक्शन देने से जुड़ी मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना की खामियों को उजागर किया था. एनडीटीवी ने दिखाया था कि बाराबंकी के मसौली गांव में गरीब पिछड़े परिवारों के पास गैस सिलिंडर रिफिल करने के लिए पैसे नहीं हैं. मगर अब जाकर इस मामले पर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई है. 

एनडीटीवी पर खबर दिखाये जाने के चार दिन बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी और दावा किया कि उज्ज्वला योजना लॉन्च होने के पहले ही साल 80 फीसदी परिवारों ने गैस सिलिंडर रिफिल करवाया है. धर्मेद प्रधान ने कहा, "अभी तक 3 करोड़ 40 लाख परिवारों को इस योजना का फायदा मिल चुका है. इस योजना के लागू होने के पहले साल में 80% लोगों ने रिफिलिंग किया है और औसत रिफिलिंग 4 सिलिंडर की है". 

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मगर हकीकत पर नजर डालें तो ये स्पष्टीकरण उज्ज्वला योजना पर उठे सवालों के जवाब देने के लिए काफ़ी नहीं. सरकार ने 2020 तक इस योजना का फायदा 8 करोड़ परिवारों तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. लेकिन इस दिशा की ओर आगे बढ़ने के दौरान सरकार को कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ेगा. महाराष्ट्र के कुछ ज़िलों से गरीब ज़रूरतमंद परिवारों की तरफ से ये शिकायत आ रही है कि LPG डिस्ट्रिब्यूटर्स उनके तय कीमत से ज्यादा पैसा मांग रहे हैं. 

सोमवार को शरद पवार की पार्टी एनसीपी की महाराष्ट्र महिला इकाई की अध्यक्ष चित्रा वाग ने मुंबई में आरोप लगाया कि अहमदनगर, नासिक और ठाणे ज़िलों में गरीब महिलाओं ने एलपीजी सिलिंडर महंगा मिलने की वजह से मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाना फिर शुरू कर दिया है. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, "पीएम मोदी हर जगह इसकी बात करते हैं, पर ज़मीनी हकीकत को देखिये...सिलिंडर महंगा होने की वजह से ये योजना फेल हो गई है...कई जगहों पर गैस कनेक्शन के लिए लोगों को 2000 रुपये से 8000 रुपये तक देना पड़ा है". 

हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इस योजना के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई का प्रावधान है. धर्मेद प्रधान ने कहा, "अभी तक इस योजना का दुरुपयोग करने के लिए 97 डिस्ट्रिब्यूयटरों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. मैं ये नहीं कहता कि ये योजना 100% फॉल्टलेस है. कोई भी व्यक्ति My LPG पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे".

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मोदी सरकार की जिन योजनाओं की सबसे ज़्यादा चर्चा हुईं, उनमें से एक उज्ज्वला योजना भी है. इसकी कामयाबी काफ़ी हद तक मोदी सरकार की चुनावी रणनीति को तय करेगी. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि इस योजना में खामियों को दूर करने के लिए सरकार जल्द ही कोई कदम उठाएगी.

VIDEO: उज्जवला योजना-गैस कनेक्शन बढ़े पर रीफलिंग क्यों नहीं बढ़ी ?

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