crypto पर सरकार जल्द ही बिल लाने की तैयारी कर रही है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) जैसी उभरती तकनीक का इस्तेमाल लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए किया जाना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन के ढांचे के लिए जल्द ही फैसला लेने वाले हैं. हालांकि इसको लेकर असमंजस कायम है. नीतिनिर्माताओं का कहना है कि रेगुलेशन से बाहर डिजिटल करेंसी अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) के साथ लोकतंत्र के मुद्दे से जुड़ी समिट फॉर डेमोक्रेसी पर वर्चुअल कान्फ्रेंस में पीएम मोदी ने ये बात कही. उन्होंने कहा, हमें सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती तकनीकों पर वैश्विक मानदंड तय करने पर संयुक्त तौर पर काम करना चाहिए.
- यह पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए सभी देशों से साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया हो. इससे पहले 18 नवंबर सिडनी डायलॉग के दौरान पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल न हो.
- सरकार ने पहले सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंधित करने का इरादा जताया था. लेकिन बाद में उसने कहा कि वो इसके लिए नियामकीय ढांचा (regulatory framework) तैयार करेगी. इसके लिए जल्द ही नया क्रिप्टो बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.
- सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि क्रिप्टो को भारत में मुद्रा या किसी भी आधिकारिक लेनदेन का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा. विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी की जगह क्रिप्टोएसेट शब्द डाला गया है. इस विधेयक के तहत वित्तीय स्थिरता को किसी भी खतरे को कम से कम करने का प्रयास है.
- संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयक के तहत डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी फ्रेमवर्क स्थापित करने का प्रस्ताव है. साथ ही आरबीआई द्वारा भविष्य में जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी की बुनिया तय की जाएगी. यह डिजिटल करेंसी आरबीआई कानून (RBI) के तहत नियमित की जाएगी.
- क्रिप्टोकरेंसी का आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल न हो, इसके लिए मनी लांड्रिंग ऐक्ट (Money Laundering Act) के प्रावधानों में भी संशोधन किया जाएगा.
- बिल में प्रावधान है कि क्रिप्टो फाइनेंस पर सरकार के नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों और कंपनियों पर 20 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है औऱ 1.5 साल तक की जेल हो सकती है. क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नए बिल में इसका उल्लेख होगा.
- क्रिप्टो बिल के तहत जनहित को ध्यान में रखते हुए क्रिप्टो माइनिंग जैसी कुछ गतिविधियों को इजाजत दे सकती है. इसमें एक्सचेंज के माध्यम से होल्डिंग, सेलिंग, डीलिंग जैसी गतिविधियों को भी इजाजत दी जा सकती है.
- क्रिप्टोएसेट का लेनदेन क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के जरिये होगा और इसे भारतीय प्रतिभूति विनियम बोर्ड (SEBI) के जरिये रेगुलेट किया जाएगा. सरकार क्रिप्टोएसेट रखने वालों के लिए इसका खुलासा करने के लिए एक कटऑफ डेट तय करेगी और इसे क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के तहत लाएगी- जो सेबी द्वारा रेगुलेट किए जाएंगे.
- इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि नया बिल वर्चुअल करेंसी के जगत में तेजी हो रहे बदलावों को अपने दायरे में लेगा. इसमें पिछले विधेयक के नियमों को भी शामिल किया जाएगा, जो अभी तक इसका हिस्सा नहीं रहे हैं.