प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के सहयोगी रहे पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा (Arvind Kumar Sharma) फिर सुर्खियों में हैं. आगामी उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Assembly Polls) को देखते हुए उन्हें यूपी सरकार में अहम जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है. इससे पहले शर्मा ने इस साल की शुरुआत में नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृति (वीआरएस) ले लिया था. उसके कुछ दिनों बाद उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था. अब चर्चा है कि चुनावों से ऐन पहले उन्हें सरकार में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. बीजेपी सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है.
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सूत्रों ने बताया कि चर्चा के बावजूद, इस बात की कोई संभावना नहीं है कि योगी आदित्यनाथ को रिप्लेस किया जा सकता है क्योंकि वह भाजपा के स्टार प्रचारक रहे हैं और शीर्ष नेतृत्व के चेहरों में से एक हैं. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि इस महीने योगी कैबिनेट विस्तार की संभावना है. कैबिनेट विस्तार में कुछ नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. इसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों को चुना जाएगा.
चर्चा है कि अरविंद कुमार शर्मा को आगामी कैबिनेट विस्तार में जगह दी जा सकती है. शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी थे. उन्होंने साल 2001 से लेकर 2013 तक नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात में काम किया है. जब 2014 में मोदी पीएम बने तो शर्मा भी उनके साथ पीएमओ आ गए. 2014 में वह प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव बनाए गए. बाद में वह सचिव बनाए गए.
अरविंद कुमार शर्मा का रिटायरमेंट 2022 में था लेकिन उससे दो साल पहले ही उन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति में एंट्री की. शर्मा उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले हैं और भूमिहार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
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