प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार (30 जनवरी) को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है. संसद में विभिन्न दलों के सदन के नेताओं की डिजिटल बैठक में मोदी ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री ने जो प्रस्ताव दिया था केंद्र सरकार आज भी उस पर बरकरार है.
सरकार ने यह सर्वदलीय बैठक बजट सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और विधायी कार्यों के संदर्भ में चर्चा के मकसद से बुलाई थी. विभिन्न दलों के नेताओं ने इस बैठक में अलग-अलग मुद्दे उठाए.
सूत्रों ने इस बैठक में प्रधानमंत्री के संबोधन का हवाला देते हुए बताया कि मोदी ने नेताओं से कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदर्शनकारी किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं और तोमर ने इस महीने की शुरुआत में किसान नेताओं को इस बात से अवगत भी कराया था.
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बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि पीएम ने बैठक के दौरान कहा कि यह बड़ी पार्टियों पर निर्भर करता है कि सदन की कार्यवाही कैसे सुचारू रूप से चले एवं संसद में छोटे दलों को अपनी बात रखने का सही और पर्याप्त मौका मिले. इस बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत समेत कई विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए.
बता दें कि संसद का बजट सत्र (Budget Session 2021) शुक्रवार से शुरू हो गया है. 1 फरवरी को आम बजट (Union Budget 2021) पेश किया जाएगा. जैसा कि माना जा रहा था कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर बजट सत्र में हंगामा हो सकता है, पहले दिन कई विपक्षी दलों ने संसद परिसर में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
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गौरतलब है कि कल 20 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था इसलिए सरकार की कोशिश है कि बजट सत्र में हंगामा न हो. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om birla) ने शुक्रवार को सभी दलों के साथ मीटिंग में कहा, 'सबसे अपेक्षा है कि सदन सुचारू रूप से चले, व्यवस्थित चले और सभी संसद की मर्यादा को न भूलें. जो भी मुद्दे रखना चाहेगा, उसे पर्याप्त अवसर दिया जाएगा. सभी दलों से आग्रह किया गया है कि संसद की मर्यादा को बनाए रखें. सभी ने आश्वासन दिया है. मैंने सभी राजनीतिक दलों से यह आग्रह किया है.'
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