खास बातें
- सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ साझा मंच पर खड़े 10 दल
- तृणमूल कांग्रेस, जदयू, बसपा, माकपा, भाकपा, राकांपा ने मिलाए हाथ
- दस दलों के सांसद बुधवार को संसद परिसर में धरना देंगे
नई दिल्ली: नोटबंदी ने देश के विपक्ष को एक मंच पर ला दिया है और एकजुटता के एक दुर्लभ मुजाहिरे के तौर पर 10 बड़े विपक्षी दलों ने आपस में हाथ मिलाते हुए इस मुद्दे पर संसद और उसके बाहर सरकार को घेरने का निश्चय किया है. वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करने के बाद हुए प्रभाव की एक और समीक्षा के लिए सोमवार को वित्तमंत्री से मुलाकात की.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बैंक कुछ चुनिंदा लोगों के लिए पिछले दरवाजों से नकद दे रहे हैं जबकि गरीबों को कतारों में खड़ा कराया जाता है. सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ साझा मंच पर खड़े तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाईटेड (जदयू), बसपा, माकपा, भाकपा, राकांपा, झामुमो और द्रमुक ने सरकार पर प्रहार करने के उद्देश्य से साझी कार्ययोजना तैयार करने के लिए आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक की.
सूत्रों ने बताया कि इन दलों के नेता वर्तमान शीतकालीन सत्र में संसद के शुरू होने से पहले हर सुबह ऐसी रणनीति बैठक करेंगे. यह तय किया गया कि इन दस दलों के सांसद बुधवार को संसद परिसर में गांधीजी की प्रतिमा के सामने धरना देंगे. उसके बाद राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया जाएगा, जिसके लिए तारीख तय की जा रही है.
राहुल ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि कुछ 'चुनिंदा लोगों' के लिए बैंकों में चुपके से पिछले दरवाजों से नकदी निकाली जा रही है जबकि आम आदमी घंटों लंबी कतारों में खड़ा है. उन्होंने सोमवार की सुबह शहर के कई एटीएम का दौरा किया और लोगों से उनकी दिक्कतों के बारे में पूछा.
उन्होंने कहा, "उन्होंने कहा कि वे कतारों में खड़े हैं और सौदेबाजी हो रही है तथा पिछले दरवाजे से नकदी निकाली जा रही है. कुछ चुनिंदा लोगों को नकदीदी जा रही है. अमीरों को नकदी मिल रही है और गरीबों को कतारों में खड़ा किया जा रहा है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)