पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह में पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों को भी शामिल होने का न्योता दिया गया है. इस हमले में शहीद जवान सुदीप बिश्वास की मां दिल्ली पहुंच गई हैं. उन्होंने कहा कि दुख होने के बाद भी वह यहां आई हैं. गौरतलब है कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल में शामिल एक वाहन को आतंकियों ने उड़ा दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. यह पहली इतना बड़ा आतंकी हमला था जिसमें एक साथ इतने जवान शहीद हुए थे. इस घटना के बाद पूरे देश सकते में था और हर कोई पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग करने लगा. चुनाव से ठीक पहले हुए इस हमले की वजह से मोदी सरकार भी दबाव में थी और घटना से गुस्साए पीएम मोदी ने देश से वादा किया था कि आतंकियों को इस करतूत की कीमत चुकानी पड़ेगी. उनके बयान के कुछ दिन बाद ही भारतीया वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने 'ऑपरेशन बालाकोट' को अंजाम दिया और वहां मौजूद आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया. इस हमले के बाद मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर भी बहुत विवाद हुआ. एक ओर जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया तो वहीं एयरफोर्स ने किसी भी संख्या पर दावा करने से इनकार कर दिया. हालांकि कहा जाता है कि हमले के वक्त वहां पर सैकड़ों की संख्या में मोबाइल फोन एक्टिव थे. वहीं मौसम खराब होने की वजह से सैटेलाइट भी ठीक से तस्वीर नहीं ले पाई थी.
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हालांकि भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई के बाद मोदी सरकार की खूब तारीफ होने लगी और पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद को चुनावी मुद्दा बना दिया. जिसका जवाब विपक्ष नहीं दे पाया. मोदी सरकार की इस प्रचंड जीत में 'ऑपरेशन बालाकोट' का भी बड़ा हाथ है. पीएम मोदी की ओर से शपथग्रहण को लेकर ऐसा ही एक और फैसला किया गया. पश्चिम बंगाल में हिंसा के दौरान मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी शपथग्रहण में बुलाया गया है. पीएम मोदी का यह फैसला पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी को नागवार गुजरा है. उन्होंने शपथग्रहण में आने से मना कर दिया है साथ ही यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल में कोई राजनीतिक हिंसा नहीं हुई है.
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