सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कठुआ-उन्नाव जैसी घटनाओं पर जताया विरोध
नई दिल्ली:
लंदन में कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा. बुधवार को ब्रिटेन के साथ 1 बिलियन पाउंड की तमाम निवेश डील पर हस्ताक्षर के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की वजह से असहज स्थिति बन गई.
इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई इंडिया-यूके ट्रेड पार्टनरशिप पर भी अपनी सहमति दे देंगे. इस पार्टनरशिप के बारे में लंदन का कहना है कि इससे दोनों देशों के उद्यमियों की ऐसे समय में व्यापारिक राह आसान होगी जब ब्रिटेन अगले वर्ष यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग हो रहा है. साथ ही इससे 5750 नई नौकरियों के पैदा होने की भी उम्मीद है.
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा विवादों से परे नहीं रही. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पिछले दिनों भारत में कठुआ और उन्नाव में हुई रेप की घटनाओं पर अपना विरोध दर्ज करवाया और मोदी गो बैक जैसे नारे लगाए.
यह भी पढ़ें : जो लोग मुझपर पत्थर फेंकते हैं, मैं उन्ही पत्थरों से पथ बना लेता हूं : लंदन में पीएम मोदी
प्रदर्शनकारियों में अधिकतर लोग मुस्लिम और सिख समुदाय के थे और हाथ में बैनर-पोस्टर ले रखा था. प्रदर्शनकारियों में शामिल एक सिख उद्यमी दुपिंदर जीत ने कहा कि यहां तमाम संगठनों से जु़ड़े लोग आए और अपना विरोध दर्ज करवाया. क्योंकि मोदी सरकार के शासनकाल में जो हो रहा है वो स्वीकार्य नहीं है. अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं और उनकी हत्या की जा रही है.
इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई इंडिया-यूके ट्रेड पार्टनरशिप पर भी अपनी सहमति दे देंगे. इस पार्टनरशिप के बारे में लंदन का कहना है कि इससे दोनों देशों के उद्यमियों की ऐसे समय में व्यापारिक राह आसान होगी जब ब्रिटेन अगले वर्ष यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग हो रहा है. साथ ही इससे 5750 नई नौकरियों के पैदा होने की भी उम्मीद है.
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा विवादों से परे नहीं रही. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पिछले दिनों भारत में कठुआ और उन्नाव में हुई रेप की घटनाओं पर अपना विरोध दर्ज करवाया और मोदी गो बैक जैसे नारे लगाए.
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प्रदर्शनकारियों में अधिकतर लोग मुस्लिम और सिख समुदाय के थे और हाथ में बैनर-पोस्टर ले रखा था. प्रदर्शनकारियों में शामिल एक सिख उद्यमी दुपिंदर जीत ने कहा कि यहां तमाम संगठनों से जु़ड़े लोग आए और अपना विरोध दर्ज करवाया. क्योंकि मोदी सरकार के शासनकाल में जो हो रहा है वो स्वीकार्य नहीं है. अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं और उनकी हत्या की जा रही है.
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