
नई दिल्ली:
सोनिया गांधी की तरफ से किए गए तीखे प्रहारों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संकेत दिया कि संप्रग शासन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष वह संविधानेत्तर शक्ति थीं जो प्रधानमंत्री कार्यालय पर वास्तविक शक्तियों का इस्तेमाल कर रहीं थीं जबकि अब संवैधानिक तरीकों से शासन चलाया जा रहा है।
राजग सरकार पर संसद में खुला अहंकार प्रदर्शित करने और उसे 'एक व्यक्ति की सरकार' बताने के कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए मोदी ने कहा, 'संभवत: वह इस तथ्य का जिक्र कर रही थीं कि पूर्व में संविधानेत्तर शक्तियां वास्तव में सत्ता का संचालन कर रही थीं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सत्ता का संचालन केवल संवैधानिक माध्यमों से हो रहा है। अगर आरोप यह है कि हम संवैधानिक माध्यमों से काम कर रहे हैं और किसी संविधानेत्तर शक्तियों की बात नहीं सुन रहे हैं, तो मैं खुद को इस आरोप का दोषी मानता हूं।
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में सोनिया और राहुल गांधी दोनों पर अब तक का सबसे करारा प्रहार करते हुए मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शक्ति केंद्रीयकृत होने, अल्पसंख्यकों, गैर-सरकारी संगठनों, भूमि अधिग्रहण और जीएसटी विधेयकों, आर्थिक सुधारों और कई अन्य विषयों पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय में सारी शक्तियों के केंद्रीयकृत होने के आरोपों के बारे में पूछे गए प्रश्न पर मोदी ने कहा, 'अच्छा होता कि अगर यह सवाल तब किया जाता जब एक असंवैधानिक शक्ति संवैधानिक प्राधिकार पर बैठी थी और प्रधानमंत्री कार्यालय की शक्तियों का इस्तेमाल कर रही थी।'
राजग सरकार पर संसद में खुला अहंकार प्रदर्शित करने और उसे 'एक व्यक्ति की सरकार' बताने के कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए मोदी ने कहा, 'संभवत: वह इस तथ्य का जिक्र कर रही थीं कि पूर्व में संविधानेत्तर शक्तियां वास्तव में सत्ता का संचालन कर रही थीं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सत्ता का संचालन केवल संवैधानिक माध्यमों से हो रहा है। अगर आरोप यह है कि हम संवैधानिक माध्यमों से काम कर रहे हैं और किसी संविधानेत्तर शक्तियों की बात नहीं सुन रहे हैं, तो मैं खुद को इस आरोप का दोषी मानता हूं।
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में सोनिया और राहुल गांधी दोनों पर अब तक का सबसे करारा प्रहार करते हुए मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शक्ति केंद्रीयकृत होने, अल्पसंख्यकों, गैर-सरकारी संगठनों, भूमि अधिग्रहण और जीएसटी विधेयकों, आर्थिक सुधारों और कई अन्य विषयों पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय में सारी शक्तियों के केंद्रीयकृत होने के आरोपों के बारे में पूछे गए प्रश्न पर मोदी ने कहा, 'अच्छा होता कि अगर यह सवाल तब किया जाता जब एक असंवैधानिक शक्ति संवैधानिक प्राधिकार पर बैठी थी और प्रधानमंत्री कार्यालय की शक्तियों का इस्तेमाल कर रही थी।'
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