पीेएम मोदी और प्रणब मुखर्जी की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल की तरह ही इस साल भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आयोजित इफ्त़ार पार्टी में शिरकत नहीं करेंगे।
जिस समय इफ्त़ार पार्टी का आयोजन होगा, पीएम मोदी उस समय पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहें होंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री कल शाम 7 बजे सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे।’ बयान के मुताबिक, ‘इस बैठक में इन राज्यों और समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं पर बातचीत होने की संभावना है।’ इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री अपने सरकारी आवास 7 रेसकोर्स रोड पर नीति आयोग की संचालन परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
पीएम मोदी ने पिछले साल भी राष्ट्रपति की ओर से दी गयी इफ्त़ार पार्टी में ये कहते हुए शिरकत नहीं की थी कि उन्हें मुंबई में एक आधिकारिक मीटिंग में शामिल होने जाना था।
मीटिंग रिशिड्यूल की पेशकश
लेकिन कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पूर्वोत्तर में कांग्रेस शासित पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी से अपील की थी कि वे इस मीटिंग को रिशिड्यूल कर दें ताकि वे राष्ट्रपति के साथ इफ़्तार पार्टी में शामिल हो सकें।
कांग्रेस द्वारा उठाया गया ये कदम इस बात की ओर इशारा है कि पीएम मोदी जानबूझकर ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेना नहीं चाहते जो इस्लामिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है।
पीएमओ की ओर से जारी किए एक वक्तव़्य में कहा गया है कि, 'इस मीटिंग में पूर्वोत्तर के राज्यों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।'
पिछले साल भी पीएम और उनके मंत्रिमंडल के कई बड़े मंत्री राष्ट्रपति द्वारा दिए गए इफ़्तार पार्टी में शामिल नहीं हुए थे।
आलोचकों के अनुसार प्रधानमंत्री का इफ़्तार पार्टी से लगातार दूसरे साल भी दूर रहना, धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा को कमज़ोर करता है।
(इनपुट भाषा से भी)
जिस समय इफ्त़ार पार्टी का आयोजन होगा, पीएम मोदी उस समय पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहें होंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री कल शाम 7 बजे सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे।’ बयान के मुताबिक, ‘इस बैठक में इन राज्यों और समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं पर बातचीत होने की संभावना है।’ इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री अपने सरकारी आवास 7 रेसकोर्स रोड पर नीति आयोग की संचालन परिषद की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
पीएम मोदी ने पिछले साल भी राष्ट्रपति की ओर से दी गयी इफ्त़ार पार्टी में ये कहते हुए शिरकत नहीं की थी कि उन्हें मुंबई में एक आधिकारिक मीटिंग में शामिल होने जाना था।
मीटिंग रिशिड्यूल की पेशकश
लेकिन कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पूर्वोत्तर में कांग्रेस शासित पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी से अपील की थी कि वे इस मीटिंग को रिशिड्यूल कर दें ताकि वे राष्ट्रपति के साथ इफ़्तार पार्टी में शामिल हो सकें।
कांग्रेस द्वारा उठाया गया ये कदम इस बात की ओर इशारा है कि पीएम मोदी जानबूझकर ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेना नहीं चाहते जो इस्लामिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है।
पीएमओ की ओर से जारी किए एक वक्तव़्य में कहा गया है कि, 'इस मीटिंग में पूर्वोत्तर के राज्यों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।'
पिछले साल भी पीएम और उनके मंत्रिमंडल के कई बड़े मंत्री राष्ट्रपति द्वारा दिए गए इफ़्तार पार्टी में शामिल नहीं हुए थे।
आलोचकों के अनुसार प्रधानमंत्री का इफ़्तार पार्टी से लगातार दूसरे साल भी दूर रहना, धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा को कमज़ोर करता है।
(इनपुट भाषा से भी)
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