नई दिल्ली:
2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के वक्त टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के अध्यक्ष रहे प्रदीप बैजल ने दावा किया है कि जब उन्होंने आगाह किया था कि अरबों रुपये के टेलीकॉम घोटाले की बुनियाद रखी जा रही है, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें चेतावनी दी थी कि 'सरकार की नीतियों का साथ दो या नुकसान में रहोगे...'
बैजल ने अपनी एक किताब में इसका खुलासा किया है।
बैजल ने अपनी नई किताब में लिखा है कि 2जी मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझसे कहा था कि मेरी सरकार के मंत्रियों का सहयोग करो या नुकसान झेलने के लिए तैयार रहो। बैजल ने अपनी किताब में आगे लिखा है कि मेरे जैसे अधिकारियों की हालत ऐसी हो गई थी कि कुछ करो तो अपराध, नहीं करो तो भी अपराध। 2जी मामले में गड़बड़ी को लेकर जब मैंने कार्रवाई करनी चाही, तो संप्रग सरकार की तरफ से मुझे कई बार झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी मिली। पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के साथ मनमोहन सिंह भी 2जी घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं।
गौरतलब है कि 2जी घोटाला वर्ष 2010 में तब सामने आया, जब सीएजी ने अपनी एक रिपोर्ट में साल 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे, जिसमें भारत के महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) के अनुसार सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
यूपीए सरकार के दौरान हुए 2जी टेलिकॉम घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन प्रदीप बैजल ने अपनी नई किताब में लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2जी केस के लिए उनसे कहा था कि सरकार के मंत्रियों का सहयोग करो या नुकसान झेलने के लिए तैयार रहो।
2जी घोटाले के लिए मनमोहन भी जिम्मेदार
पूर्व ट्राई चेयरमैन ने लिखा है, ''मेरे जैसे अधिकारियों की हालत ऐसी हो गई थी कि कुछ करो तो अपराध, नहीं करो तो भी अपराध। 2जी केस में गड़बड़ी के खिलाफ जब मैंने एक्शन लेना चाहा तो यूपीए सरकार के दौरान कई बार मुझे झूठे आरोप में फंसाने की धमकी मिली। पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन के साथ मनमोहन सिंह भी 2जी घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं।''
दयानिधि मारन ने कहा- मैं टेलिकॉम प्रधानमंत्री
बैजल का आरोप है कि पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन ने कहा था कि वह टेलिकॉम के प्रधानमंत्री हैं और इसके सभी निर्णय उनके द्वारा लिए जाएंगे। बैजल ने लिखा है कि पूर्व मंत्री ने उन्हें 2जी केस में सहयोग नहीं करने और नुकसान झेलने की चेतावनी दी। पीएम मनमोहन सिंह ने उनसे कहा था कि केस में सरकार और मंत्रियों का पूरा सहयोग करो। बैजल ने 2जी केस में उन्हें फंसाने के लिए सीबीआई पर भी आरोप लगाया है।
कौन हैं प्रदीप बैजल
बता दें कि 2जी टेलिकॉम घोटाले में पूर्व ट्राई चेयरमैन प्रदीप बैजल पर भी घोटाले का आरोप है। यूपीए-2 सरकार में उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में क्लीन चिट देकर दोबारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब बैजल ने किताब लिखकर घोटाले से जुड़ी नई बातें सबके सामने रखी हैं। 2002 में उन पर एक होटल के खरीद-फरोख्त को लेकर गड़बड़ी का आरोप भी लगा था।
बैजल ने एनडीटीवी को बताया कि उनकी पहले आओ पहले पाओ की नीति को खत्म करने के सुझाव को दरकिनार कर दिया गया था। बैजल ने ट्राई के प्रमुख के तौर पर 2006 तक अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। सीबीई ने 2जी घोटाले के संबंध में बैजल से भी पूछताछ की है।
2009 में ए राजा टेलीकॉम मंत्री बने। अब उनपर 2जी घोटाले के मामले में केस चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान सीबीआई ने उनपर दबाव बनाया था कि वह अरुण शौरी पर भी आरोप लगा दें। एनडीए की सरकार में शौरी के पास टेलीकॉम का मंत्रालय था और 2004 में चुनाव में हार के बाद यूपीए सरकार में आई थी।
बैजल का यह भी दावा है कि 2004 में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दयानिधि मारन को टेलीकॉम मंत्री के रूप में चुना था, तब भी उन्होंने (बैजल ने) पीएम को बताया था कि इससे हितों के टकराव का मामला बनेगा। बैजल का दावा है कि मारन उन्हें सरेआम धमकी दी कि पहले आओ पहले पाओ की नीति को खत्म करने की किसी पहल का उन्होंने खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
बैजल ने बताया कि डॉ सिंह ने उन्हें साफ कहा था कि डीएमके नेता को किसी प्रकार से दिक्कत न हो क्योंकि वह सरकार का अहम हिस्सा थे।
बैजल ने अपनी एक किताब में इसका खुलासा किया है।
बैजल ने अपनी नई किताब में लिखा है कि 2जी मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझसे कहा था कि मेरी सरकार के मंत्रियों का सहयोग करो या नुकसान झेलने के लिए तैयार रहो। बैजल ने अपनी किताब में आगे लिखा है कि मेरे जैसे अधिकारियों की हालत ऐसी हो गई थी कि कुछ करो तो अपराध, नहीं करो तो भी अपराध। 2जी मामले में गड़बड़ी को लेकर जब मैंने कार्रवाई करनी चाही, तो संप्रग सरकार की तरफ से मुझे कई बार झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी मिली। पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के साथ मनमोहन सिंह भी 2जी घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं।
गौरतलब है कि 2जी घोटाला वर्ष 2010 में तब सामने आया, जब सीएजी ने अपनी एक रिपोर्ट में साल 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे, जिसमें भारत के महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) के अनुसार सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
यूपीए सरकार के दौरान हुए 2जी टेलिकॉम घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन प्रदीप बैजल ने अपनी नई किताब में लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2जी केस के लिए उनसे कहा था कि सरकार के मंत्रियों का सहयोग करो या नुकसान झेलने के लिए तैयार रहो।
2जी घोटाले के लिए मनमोहन भी जिम्मेदार
पूर्व ट्राई चेयरमैन ने लिखा है, ''मेरे जैसे अधिकारियों की हालत ऐसी हो गई थी कि कुछ करो तो अपराध, नहीं करो तो भी अपराध। 2जी केस में गड़बड़ी के खिलाफ जब मैंने एक्शन लेना चाहा तो यूपीए सरकार के दौरान कई बार मुझे झूठे आरोप में फंसाने की धमकी मिली। पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन के साथ मनमोहन सिंह भी 2जी घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं।''
दयानिधि मारन ने कहा- मैं टेलिकॉम प्रधानमंत्री
बैजल का आरोप है कि पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधि मारन ने कहा था कि वह टेलिकॉम के प्रधानमंत्री हैं और इसके सभी निर्णय उनके द्वारा लिए जाएंगे। बैजल ने लिखा है कि पूर्व मंत्री ने उन्हें 2जी केस में सहयोग नहीं करने और नुकसान झेलने की चेतावनी दी। पीएम मनमोहन सिंह ने उनसे कहा था कि केस में सरकार और मंत्रियों का पूरा सहयोग करो। बैजल ने 2जी केस में उन्हें फंसाने के लिए सीबीआई पर भी आरोप लगाया है।
कौन हैं प्रदीप बैजल
बता दें कि 2जी टेलिकॉम घोटाले में पूर्व ट्राई चेयरमैन प्रदीप बैजल पर भी घोटाले का आरोप है। यूपीए-2 सरकार में उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में क्लीन चिट देकर दोबारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब बैजल ने किताब लिखकर घोटाले से जुड़ी नई बातें सबके सामने रखी हैं। 2002 में उन पर एक होटल के खरीद-फरोख्त को लेकर गड़बड़ी का आरोप भी लगा था।
बैजल ने एनडीटीवी को बताया कि उनकी पहले आओ पहले पाओ की नीति को खत्म करने के सुझाव को दरकिनार कर दिया गया था। बैजल ने ट्राई के प्रमुख के तौर पर 2006 तक अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। सीबीई ने 2जी घोटाले के संबंध में बैजल से भी पूछताछ की है।
2009 में ए राजा टेलीकॉम मंत्री बने। अब उनपर 2जी घोटाले के मामले में केस चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान सीबीआई ने उनपर दबाव बनाया था कि वह अरुण शौरी पर भी आरोप लगा दें। एनडीए की सरकार में शौरी के पास टेलीकॉम का मंत्रालय था और 2004 में चुनाव में हार के बाद यूपीए सरकार में आई थी।
बैजल का यह भी दावा है कि 2004 में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दयानिधि मारन को टेलीकॉम मंत्री के रूप में चुना था, तब भी उन्होंने (बैजल ने) पीएम को बताया था कि इससे हितों के टकराव का मामला बनेगा। बैजल का दावा है कि मारन उन्हें सरेआम धमकी दी कि पहले आओ पहले पाओ की नीति को खत्म करने की किसी पहल का उन्होंने खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
बैजल ने बताया कि डॉ सिंह ने उन्हें साफ कहा था कि डीएमके नेता को किसी प्रकार से दिक्कत न हो क्योंकि वह सरकार का अहम हिस्सा थे।
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