नई दिल्ली:
रिटेल में एफडीआई और एलपीजी सिलेंडर की सीमित संख्या के मुद्दे पर सरकार के फैसले के बाद नाराज सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को मनाने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फोन कर सकते हैं। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार पीएम इस फोन के जरिये सरकार के समक्ष मौजूद हालात का ब्यौरा दे सकते हैं।
गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से नाराज ममता बनर्जी ने पहले ही कह दिया है कि वह मंगलवार तक सरकार से समर्थन वापसी या फिर अपने कोटे के मंत्रियों को वापस बुलाकर बाहर से समर्थन देने पर फैसला कर सकती हैं।
रविवार को एनडीटीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई की मंजूरी और डीजल के दाम बढ़ाने के विरोध में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संभवत: केंद्र की यूपीए सरकार से अपने मंत्रियों को वापस बुला सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस अब सरकार को सिर्फ बाहर से समर्थन देगी। इस बाबत ममता अपनी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ मंगलवार को बैठक कर अंतिम फैसला लेंगी।
ममता ने हालांकि शनिवार को एक रैली में कहा है कि उनकी पार्टी यूपीए सरकार को गिराना नहीं चाहेगी। उन्होंने कहा, हम सरकार छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। हम हमेशा गठबंधन तोड़ने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन हम लोगों के प्रति वचनबद्ध हैं।
बनर्जी ने कहा, हम यूपीए के दूसरे सबसे बड़े सहयोगी दल हैं और मंत्रिमंडल में हमारे और मंत्री हो सकते थे। हमारे पास अब सिर्फ रेल मंत्रालय है, लेकिन उसका हमारे लिए कोई महत्व नहीं है। हमारे लिए जनता का महत्व है।
गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले से नाराज ममता बनर्जी ने पहले ही कह दिया है कि वह मंगलवार तक सरकार से समर्थन वापसी या फिर अपने कोटे के मंत्रियों को वापस बुलाकर बाहर से समर्थन देने पर फैसला कर सकती हैं।
रविवार को एनडीटीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई की मंजूरी और डीजल के दाम बढ़ाने के विरोध में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संभवत: केंद्र की यूपीए सरकार से अपने मंत्रियों को वापस बुला सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस अब सरकार को सिर्फ बाहर से समर्थन देगी। इस बाबत ममता अपनी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ मंगलवार को बैठक कर अंतिम फैसला लेंगी।
ममता ने हालांकि शनिवार को एक रैली में कहा है कि उनकी पार्टी यूपीए सरकार को गिराना नहीं चाहेगी। उन्होंने कहा, हम सरकार छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। हम हमेशा गठबंधन तोड़ने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन हम लोगों के प्रति वचनबद्ध हैं।
बनर्जी ने कहा, हम यूपीए के दूसरे सबसे बड़े सहयोगी दल हैं और मंत्रिमंडल में हमारे और मंत्री हो सकते थे। हमारे पास अब सिर्फ रेल मंत्रालय है, लेकिन उसका हमारे लिए कोई महत्व नहीं है। हमारे लिए जनता का महत्व है।
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