नई दिल्ली:
ज़मीन अधिग्रहण और रियल इस्टेट के मुद्दे पर सरकार को घेरने के बाद अब राहुल गांधी ने अमेठी के किसानों की बदहाली का सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने अमेठी में फूड पार्क को बंद करने का मुद्दा उठाया। राहुल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने चुनावों के दौरान बदले की नहीं, बदलाव की राजनीति करने का आश्वासन दिया था। लेकिन जिस तरह से अमेठी में फूड पार्क को बंद किया गया है उससे साफ है कि प्रधानमंत्री बदलाव की नहीं, बदले की राजनीति कर रहे हैं। इस आरोप के बाद अचानक राजनीतिक तापमान कुछ बढ़ हो गया।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री की बात बहुत अच्छी लगी थी कि वो बदले की नहीं, बदलाव की राजनीति करना चाहते हैं, लेकिन जिन परिस्थितियों में अमेठी में फूड पार्क बंद किया गया है वो गलत है। राहुल ने कहा कि फूड पार्क बंद होने की वजह से अमेठी के किसानों को उनकी फसल की सही कमीत नहीं मिल पा रही है।
लोकसभा में राहुल के ताज़ा हमलों की इस नई कड़ी का जवाब सरकार ने आश्वासन से दिया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वो राहुल गांधी को खुद इस मामले से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर सूचित करेंगे। लेकिन सदन से बाहर निकलते हुए राहुल ने साफ़ कर दिया कि इस आश्वासन से वो संतुष्ट नहीं हैं।
एनडीटीवी ने जब राहुल गांधी से पूछा कि वो राजनाथ सिंह के आश्वासन से कितना संतुष्ट हैं तो राहुल ने कहा कि सवाल ये है कि सरकार इस प्रोजेक्ट को स्वीकार करती है या नहीं। हालांकि राहुल ने ये भी कहा कि वो मौजूदा परिस्थिति में सरकार के जवाब का इंतज़ार करेंगे। अमेठी पर इस राजनीतिक खींचतान के बीच फंसे मुलायम से जब एनडीटीवी ने पूछा तो वो पहले इस मुद्दे पर कुछ बोलने से बचने की कोशिश करते दिखे।
हालांकि बाद में कहा की अमेठी में उनकी सरकार विकास कर रही है। उधर अमेठी में राहुल से चुनाव हार चुकीं स्मृति ईरानी ने राहुल को घेरा और पूछा कि उन्होंने अमेठी के विकास के लिए क्या किया है।
पहले ज़मीन अधिग्रहण फिर रियल एस्टेट और अब अमेठी के किसानों का सवाल उठाकर जहां राहुल गांधी एक तरफ अपनी खोयी हुई राजनीतिक ज़मीन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इन्हीं मुद्दों के सहारे सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश भी कर रहे हैं। अब देखना होगा कि अपनी इस नई राजनीतिक कवायद में वो कितना सफल हो पाते हैं।
गुरुवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने अमेठी में फूड पार्क को बंद करने का मुद्दा उठाया। राहुल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने चुनावों के दौरान बदले की नहीं, बदलाव की राजनीति करने का आश्वासन दिया था। लेकिन जिस तरह से अमेठी में फूड पार्क को बंद किया गया है उससे साफ है कि प्रधानमंत्री बदलाव की नहीं, बदले की राजनीति कर रहे हैं। इस आरोप के बाद अचानक राजनीतिक तापमान कुछ बढ़ हो गया।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री की बात बहुत अच्छी लगी थी कि वो बदले की नहीं, बदलाव की राजनीति करना चाहते हैं, लेकिन जिन परिस्थितियों में अमेठी में फूड पार्क बंद किया गया है वो गलत है। राहुल ने कहा कि फूड पार्क बंद होने की वजह से अमेठी के किसानों को उनकी फसल की सही कमीत नहीं मिल पा रही है।
लोकसभा में राहुल के ताज़ा हमलों की इस नई कड़ी का जवाब सरकार ने आश्वासन से दिया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वो राहुल गांधी को खुद इस मामले से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर सूचित करेंगे। लेकिन सदन से बाहर निकलते हुए राहुल ने साफ़ कर दिया कि इस आश्वासन से वो संतुष्ट नहीं हैं।
एनडीटीवी ने जब राहुल गांधी से पूछा कि वो राजनाथ सिंह के आश्वासन से कितना संतुष्ट हैं तो राहुल ने कहा कि सवाल ये है कि सरकार इस प्रोजेक्ट को स्वीकार करती है या नहीं। हालांकि राहुल ने ये भी कहा कि वो मौजूदा परिस्थिति में सरकार के जवाब का इंतज़ार करेंगे। अमेठी पर इस राजनीतिक खींचतान के बीच फंसे मुलायम से जब एनडीटीवी ने पूछा तो वो पहले इस मुद्दे पर कुछ बोलने से बचने की कोशिश करते दिखे।
हालांकि बाद में कहा की अमेठी में उनकी सरकार विकास कर रही है। उधर अमेठी में राहुल से चुनाव हार चुकीं स्मृति ईरानी ने राहुल को घेरा और पूछा कि उन्होंने अमेठी के विकास के लिए क्या किया है।
पहले ज़मीन अधिग्रहण फिर रियल एस्टेट और अब अमेठी के किसानों का सवाल उठाकर जहां राहुल गांधी एक तरफ अपनी खोयी हुई राजनीतिक ज़मीन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इन्हीं मुद्दों के सहारे सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश भी कर रहे हैं। अब देखना होगा कि अपनी इस नई राजनीतिक कवायद में वो कितना सफल हो पाते हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
राहुल गांधी, लोकसभा में राहुल गांधी, अमेठी पर राहुल गांधी, फूड पार्क, Rahul Gandhi, Rahul Gandhi In LokSabha, Food Park Amethi